पटना. राजधानी के विश्वेश्वरैया भवन में लगी आग के बाद राज्य सरकार ने राज्य की बहुमंजिला इमारतों की अग्नि सुरक्षा सह बचाव के लिए पहले चरण में छह हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म सह टर्न टेबुल एरियल लैडर की खरीद करेगी. इसकी खरीद पर कुल 44 करोड़ 40 लाख खर्च किये जायेंगे. कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने बताया कि पहले चरण में 62 मीटर ऊंचाई के दो अदद, 52 मीटर ऊंचाई के दो अदद और 42 मीटर ऊंचाई को दो लैडर की खरीद की जायेगी. कैबिनेट ने बिहार नगरपालिका निर्वाचन (संशोधन) नियमावली 2022 के प्रारूप की स्वीकृति दी है. इसकी स्वीकृति के बाद नगर निकायों के चुनाव यथोचित रीति से कराया जायेगा.
बिहार गवाह सुरक्षा कोष नियमावली 2022 के प्रारूप पर भी मंत्रिपरिषद की स्वीकृति मिली है, जिसमें गवाह कोष का निर्माण किया जायेगा. कैबिनेट ने औरंगाबाद जिले के रफीगंज अंचल में कुल 1.7465 एकड़ गैरमजरूआ मालिक बिहार सरकार की जमीन 90 लाख 57 हजार के भुगतान पर डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड को दी गयी. वित्तीय वर्ष 2022-23 में राज्य योजना के तहत बीज वितरण एवं बीज उत्पादन योजना के कार्यान्वयन के लिए 150 करोड़ 98 लाख की स्वीकृति दी गयी.
पटना. राज्य कैबिनेट ने गुरुवार को उन्नयन एवं मानकीकरण के लिए प्रोत्साहन योजना 2022 को स्वीकृति दे दी है. इस योजना के तहत देश-विदेश से बिहार आये पर्यटकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए विभिन्न पर्यटन परिपथों पर आधारभूत संरचना एवं जनसुविधाओं को बढ़ाने के लिए चार मॉडल तैयार किये गये हैं. इस योजना के तहत पर्यटन परिपथ वाले हर रास्ते को विकसित किया जायेगा. वहीं, इन मॉडलों को विकसित करने वाली कुल लागत का 50 प्रतिशत यानी 50 लाख, 35 लाख, 10 लाख व 20 लाख अधिकतम में से जो कम हो वह अनुदान राशि दी जायेगी, ताकि परिपथों के विकास के बाद पर्यटकों का सफर सुंदर बन सके. साथ ही रास्तों में पर्यटकों को सभी तरह की सुविधाएं मिल सके.
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इन रास्तों में बेहतर सुविधा के लिए कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जायेगा, ताकि पर्यटकों को उच्च कोटि की सुविधाएं एवं कर्मियों के रूप में चार हजार लोगों को रोजगार का अवसर मिल सके. अलग-अलग मॉडल में अगले तीन वर्षों में 160 परिपथों को प्रोत्साहन देने का लक्ष्य है, जिसमें 38.80 करोड़ रुपये का खर्च होने की संभावना है. प्रीमियम मॉडल के तहत 1.5 एकड़ भूमि पर कम- से- कम 15 हजार वर्गफुट बिल्ट अप एरिया में पर्यटकीय सुविधाओं का विकास होगा. राज्य के सभी राज्य मार्गों पर वर्तमान में चल रहे ढाबा, रेस्तरां, पेट्रोल पंप इत्यादि का विकास होगा. इसके लिए 0.50 एकड़ भूमि पर अवस्थित वर्तमान मार्गीय सुविधाओं को वरीयता दी जायेगी.