पटना. नीतीश कुमार अपने सुशासन के लिए जाने जाते थे और कानून और व्यवस्था को देखनेवाले गृह विभाग को हमेशा अपने अधीन ही रखते हैं, लेकिन पिछले दिनों हुए सरकार में बदलाव का असर गृह विभाग खासकर पुलिस महकमे में दिखने लगा है. सरकार में भाजपा के आते ही पुलिस मेहकमा ने एक नया फरमान जारी किया है.
दियारा से खदेड़े जायेंगे माफिया
बिहार के दियारा इलाके में जमे अपराधियों, माफिया और तस्करों को खदेड़ दिया जाएगा. उनके आतंक को समाप्त करने के लिए नीतीश कुमार की सरकार ने एक्शन प्लान तैयार कर लिया है. एक्शन प्लान के तहत इन इलाकों से आपराधिक तत्वों को उखाड़ फेंकने के मकसद से स्पेशल पुलिस कैम्प स्थापित करने की कवायद तेज हो गई है.
इन चार नदियों के दियारा पर फोकस
सरकार ने गंगा, कोसी, सोन और गंडक नदी के दियारा इलाकों को खासतौर से चुना गया है. इन्हीं चार नदियों के दियारा इलाके में मुख्य रूप से सभी तरह की अपराधिक गतिविधियां अधिक होती हैं. इसे ध्यान में रखते हुए दियारा इलाकों में फिलहाल 50 पुलिस कैम्प बनाने की रणनीति तैयार कर कवायद शुरू कर दी गई है. आने वाले दिनों में इसकी जरूरत के आधार पर इनकी संख्या बढ़ाई जा सकती है.
तैयार की जा रही है अपराधियों की अलग से सूची
पहले चरण में 22 पुलिस कैम्प लगाने की योजना बनाई गई है, जिसमें चिह्नित किए गए बेहद दुर्गम इलाके में एसटीएफ के 8 और पुलिस के 14 कैम्प लगाए जाएंगे. इन चारों दियारा इलाकों के उन सभी अपराधियों की अलग से सूची तैयार की जा रही है, जो इस तरह के अपराध से जुड़े हुए हैं. ऐसे अपराधियों की यह सूची जिला स्तर पर तैयार होने वाली टॉप-10 और 20 मोस्ट वांडेट अपराधियों की सूची के अलग होगी.
घोषणा के बावजूद नहीं हो पा रही थी कार्रवाई
एडीजी (मुख्यालय) जितेंद्र सिंह गंगवार ने इस संबंध में पहले भी चर्चा की थी, लेकिन एक्शन प्लान को लेकर मंथन चल रहा था. अब इन चार नदियों के दियारा इलाकों में स्थानों को चिह्नित कर इसे स्थापित करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. इसमें एसटीएफ की भूमिका बेहद अहम है. गंगा, कोसी, सोन और गंडक के इलाके में आपराधिक गतिविधि की मुख्य वजह बालू, अवैध शराब और हथियार की तस्करी है. इसमें सोन और गंडक का दियारा इलाका बालू के अवैध खनन के लिए अधिक कुख्यात है.
चुनाव से पहले शुरू होगा ऑपरेशन
लोकसभा और विधानसभा चुनाव को देखते हुए भी दियारा इलाकों में इन पुलिस कैम्पों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो जाएगी. शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने के लिए इन इलाकों के अपराधियों को दबोचने और सभी तरह की गतिविधियों पर अंकुश लगाने में भी इनके बेहद कारगर साबित होने की उम्मीद है. चुनाव के दौरान इन इलाकों के बूथों पर भी खासतौर से नजर रखी जा सकेगी.