पटना. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि राज्य में आयुष चिकित्सकों को फिलहाल 44 हजार का मानदेय दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि आयुष चिकित्सकों को एमबीबीएस चिकित्सकों के तर्ज पर 65 हजार मानदेय देने का प्रस्ताव सरकार के स्तर पर विचाराधीन है.
वर्ष 2018 में कैबिनेट द्वारा यह निर्णय लिया गया था कि आयुष चिकित्सकों का मानदेय भी एमबीबीएस के समान किया जायेगा. इसी निर्णय के आलोक में सरकार ने आयुष चिकित्सकों के मानदेय 22 हजार और 24 हजार के दो स्लैब को बढ़ा कर 44 हजार कर दिया.
सरकार ने उस समय के मानदेय में विसंगति को दूर कर दिया है. स्वास्थ्य मंत्री शुक्रवार को विधानसभा में आलोक कुमार मेहता के तारांकित प्रश्न का जवाब दे रहे थे. स्वास्थ्य मंत्री ने डाॅ रामानुज प्रसाद के तारांकित प्रश्न के जवाब में बताया कि स्वास्थ्य विभाग के तहत खाद्य संरक्षा अधिकारी के 91 पदों के लिए जारी किया गया विज्ञापन रद्द कर दिया गया है. विभाग द्वारा बिहार खाद्य संरक्षा सेवा नियमावली 2014 एवं संशोधित नियमावली 2019 में संशोधन की जा रही है. अगले तीन माह में संशोधन होने के बाद नियुक्ति की प्रक्रिया आरंभ की जायेगी.
ललित कुमार यादव के अल्पसूचित प्रश्न का जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य के मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में विभागाध्यक्ष के चयन का दायित्व एवं शक्ति संबंधित मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य में निहित की गयी है. जिस विभाग में नियमित प्रोफेसर नहीं हैं , उनमें प्राचार्य द्वारा विभागाध्यक्ष नामित किया गया है.
राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के विभागों में विभागाध्यक्ष का प्रभार के विषय पर पुनर्विचार के लिए विभाग स्तर पर विशेषज्ञ कमेटी गठित की गयी है, जिसकी अनुशंसा प्राप्त कर आगे की कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने सदन में बताया कि इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान, पटना के निदेशक के रिक्त एकल पद पर नियमित नियुक्ति के लिए प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग के माध्यम से बीपीएससी को भेजी गयी है.
Posted by Ashish Jha