पटना. राज्य सरकार ने सभी सरकारी लोकसेवकों को अपनी संपत्ति का ब्योरा देने में चार अहम बातों की जानकारी हर हाल में देने को कहा है. सामान्य प्रशासन विभाग ने इससे संबंधित विस्तृत आदेश जारी कर दिया है, जिसका पालन प्रथम से तृतीय वर्ग के कर्मियों को करना अनिवार्य होगा.
सिर्फ चतुर्थ वर्ग के कर्मियों को इस आदेश से अलग रखा गया है. पदाधिकारियों की तरफ से संपत्ति का जारी ब्योरे में बड़ी संख्या में यह देखने को मिलता है कि वे गोल-मटोल या पूरी तरह से स्पष्ट जानकारी नहीं देते हैं. इससे संपत्ति की वास्तविक जानकारी सही तरीके से नहीं हो पाती है. इसके मद्देनजर विभाग ने इस बारे में कुछ अहम बातों का पालन करना अनिवार्य कर दिया है.
संपत्ति का ब्योरा जारी करने वाले पदाधिकारियों को अपनी या अर्जित या विरासत या परिवार के किसी सदस्य के नाम से जारी संपत्ति के बारे में जानकारी देनी होगी. साथ ही किसी अन्य व्यक्ति के नाम, पट्टे या बंधक पर उसके स्तर पर ली गयी जमीन-जायदाद के बारे में भी जानकारी देनी होगी.
परिवार के किसी सदस्य या अपने नाम पर मौजूद शेयर, डिबेंचर, निक्षेप-पत्र समेत बैंक में जमा रुपये के बारे में भी विस्तृत जानकारी देनी होगी. विरासत या स्वयं अर्जित की हुई संपत्ति के बारे में भी जानकारी देनी होगी. अगर संबंधित पदाधिकारी या कर्मी पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोई कर्ज है, तो उसकी जानकारी भी बतानी होगी.
संपत्ति का ब्योरा देने में कुछ अहम बातों का भी ध्यान रखना होगा. इसमें 30 हजार से कम मूल्य की चल संपत्ति को जोड़कर एक साथ दिखाना होगा. इसमें कपड़े, बर्तन, पुस्तक समेत अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुओं का मूल्य शामिल करना आवश्यक नहीं है. सभी सरकारी सेवकों को अपने कार्यकाल की शुरुआत से मौजूदा समय के दौरान अर्जित सभी संपत्ति का ब्योरा देना होगा. कोई सरकारी सेवक सरकार को जानकारी दिये बिना किसी अचल संपत्ति को खरीद नहीं पायेंगे.
Posted by Ashish Jha