बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने एसटीईटी परीक्षार्थियों को नंबर बढ़ाने का झांसा देकर ठगी करने वाले साइबर अपराधी गिरोह का खुलासा किया है. टीम ने गिरोह के दो मास्टरमाइंड शिशुपाल कुमार व कन्हैया प्रसाद सहित गिरोह के चार सक्रिय सदस्यों को अभ्यर्थियों के रोल व मोबाइल नंबर की सूची के साथ गुरुवार को गिरफ्तार किया है. इनको नवादा जिले के वारिसलीगंज प्रखंड के शाहपुर ओपी क्षेत्र से घेराबंदी कर पकड़ा गया. मामले में इओयू जांच में जुटी है और गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की जा रही है. इओयू के मुताबिक इस संगठित गिरोह के सदस्यों ने देश के अन्य राज्यों में ठगी की है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड पोर्टल (एनसीआरपी) पर इनके साइबर ठगी संबंधित मामले पाये जाने पर संबंधित राज्यों को भी इसकी सूचना दी जा रही है.
परीक्षा में कम नंबर आने और लोन के नाम पर फोन कर कर रहे थे ठगी
जानकारी के अनुसार इओयू को नवादा जिले के शाहपुर इलाके में कुछ साइबर अपराधियों के सक्रिय होने की जानकारी मिली थी. यह अपराधी बीते दिनों हुई एसटीईटी परीक्षा के अभ्यर्थियों से उन्हें परीक्षा में कम नंबर आने की बात बोलकर और नंबर बढ़ाने का झांसा दे कर ठगी कर रहे थे. इसके साथ ही लोन दिलाने के नाम पर भी विभिन्न लोगों को कॉल कर के भी ठगी कर रहे थे. इसके बाद इओयू द्वारा एक टीम गठित कर मामले की जांच करायी गयी.
ठगी करने वाले गिरोह में ये लोग हैं शामिल
इओयू की जांच में जानकारी मिली कि नवादा के शाहपुर के रहने वाले शिशुपाल कुमार एवं कन्हैया प्रसाद साइबर ठगी का संगठित गिरोह चलाते हैं. इसमें फर्जी सिम बेचने वाला मोबाइल दुकानदार गौतम साह, मोमो का दुकान चलाने वाला श्याम सुंदर उर्फ बिट्टू सहित सुबोध राउत, चंदन कुमार, प्रियांशु कुमार, हिमांशु कुमार, कृष्ण मुरारी एवं अन्य उनका सहयोग करते हैं. इसके बाद स्थानीय पुलिस के सहयोग से शिशुपाल कुमार, कन्हैया प्रसाद, श्याम सुंदर उर्फ बिट्टू और कृष्ण मुरारी की गिरफ्तारी सुनिश्चित की गयी.
एसटीईटी परीक्षार्थियों के मोबाइल और रोल नंबर की सूची बरामद
गिरफ्तार आरोपियों के पास से अभ्यर्थियों के मोबाइल नंबर एवं रोल नंबर अंकित एसटीईटी परीक्षा में सम्मिलित होने वाले परीक्षार्थियों की सूची (मोबाइल नंबर और रोल नंबर के साथ), 11 स्मार्ट और की-पैड मोबाइल, 5.50 लाख रुपये नकद एवं कई सिम भी बरामद किये गये. इओयू ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर 9 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया है. जिसमें से चार लोग गिरफ्तार हो चुके हैं. अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है.
सरकारी कर्मचारियों से जुड़े हो सकते हैं तार
इओयू इस पूरे मामले में तफ्तीश कर कई सवालों के जवाब ढूंढने के प्रयास में जुटी हुई है. इसमें सबसे अहम सवाल यह है कि आखिर इन ठगों के पास एसटीईटी परीक्षा के अभ्यर्थियों की पूरी जानकारी कहां से आई. इन्हें अभ्यर्थियों का रोल नंबर और फोन नंबर कहां से मिला. ऐसे में अब कई सवाल खड़े हो रहे हैं. इस पूरे कांड में सरकारी कर्मियों के मिली भागात होने की संभावना भी जताई जा रही है. पर अभी इस मामले में कुछ भी साफ-साफ नहीं कहा जा सकता. इओयू गिरफ्तार ठगों से इस बारे में पूछताछ करने में लगी हुई है. जैसे ही इस बात की जानकारी मिलती है कि सूची कहां से इन लोगों के पास आई इओयू बड़ी कार्रवाई कर सकती है.