जीइसी समस्तीपुर के 600 विद्यार्थियों को जल्द मिलेगा अपना कैंपस, जानें कब होगा नये भवन का उद्घाटन
गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज (जीइसी) समस्तीपुर के तीन ब्रांच के करीब 600 विद्यार्थियों को जल्द ही अपना कैंपस मिलेगा. समस्तीपुर में करीब आठ एकड़ जमीन पर इंजीनियरिंग कॉलेज का भवन बनकर तैयार हो चुका है.
मुजफ्फरपुर. गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज (जीइसी) समस्तीपुर के तीन ब्रांच के करीब 600 विद्यार्थियों को जल्द ही अपना कैंपस मिलेगा. समस्तीपुर में करीब आठ एकड़ जमीन पर इंजीनियरिंग कॉलेज का भवन बनकर तैयार हो चुका है. हॉस्टल व क्लास रूम का काम भी पूरा हो चुका है. लैब व लाइब्रेरी सहित फिनिशिंग का काम कुछ बाकी है, जिसे जल्द ही पूरा कर लिया जायेगा. उम्मीद है कि नये सत्र से नये भवन में ही पढ़ाई होगी.
अभी एमआइटी में चल रही है क्लास
जीइसी की स्थापना के बाद से एमआइटी में ही क्लास चल रही है. यहीं हॉस्टल में विद्यार्थी रहते भी हैं. पहले जून के आखिरी हफ्ते में भवन का उद्घाटन होना था, लेकिन कुछ काम अधूरे रह गये. अब जुलाई में ही भवन के उद्घाटन की संभावना है. अगले दो-तीन महीने में लैब के लिए आधुनिक उपकरण उपलब्ध करा दिये जायेंगे. साथ ही लाइब्रेरी के लिए पुस्तकाें की भी व्यवस्था कर ली जायेगी. एमआइटी के प्राचार्य सह समस्तीपुर के प्रभारी प्राचार्य डॉ सीबी महतो ने बताया कि अभी उद्घाटन की तिथि तय नहीं हुई है. तिथि घोषित करने के साथ ही तैयारी शुरू कर दी जायेगी.
अभी चल रहे तीन ब्रांच, चौथे की मिल गयी है मंजूरी
गवर्मेंट इंजीनियरिंग कॉलेज समस्तीपुर में अभी तीन ब्रांच की पढ़ाई होती है. सिविल, इलेक्ट्रिकल व मैकेनिकल इंजीनियरिंग में विद्यार्थियों का एडमिशन लिया गया है. वहीं, अगले सत्र से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई के लिए सरकार से अनुमति मिल गयी है. 60 सीट पर एडमिशन लिया जायेगा.
जीइसी समस्तीपुर की होगी अपनी अलग पहचान
जीइसी समस्तीपुर की अपनी अलग पहचान होगी. कॉलेज के लिए लोगो तैयार किया जा रहा है. इसके लिए छात्रों से लोगो डिजाइन कर आवेदन भी मांगा गया है. जल्द ही लोगो भी फाइनल कर लिया जायेगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 16 सितंबर 2020 को इस भवन का शिलान्यास किया था. इसके बारे में भवन निर्माण विभाग के ईई अशोक कुमार राय ने बताया कि नरघोघी में 73.14 करोड़ रुपए की लागत से इंजीनियरिंग कॉलेज का निर्माण कराया गया है. इसका काम 2021 में पूरा करना था. यहां बच्चों के लिए हॉस्टल का भी निर्माण हुआ है.