पटना. बिहार मे मंगलवार की शाम से बुधवार की सुबह तक भूकंप के तीन झटके महसूस हुए. बिहार की इसकी तीवता बेहद कम रही. इसकी वजह से बिहार मे किसी तरह के जान-माल का नुकसान नही हुआ है. भूकंप का केद नेपाल काठमांडȴ मे था. काठमांडȴ कषेत्र मे जानमाल का काफी नुकसान बताया जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक पूरे बिहार मे हल्के झटके महसूस किये. विशेष तौर पर हिमालय की तराई वाले बेल्ट मे इसकी तीवता ठीक से महसूस की गयी. आइएमडी की जानकारी के मुताबिक सबसे पहला भूकंप का पहला झटका आठ नवंबर की रात 8.52 बजे आया. तब भूकंप की गहराई 10 किलोमीटर तक थी.
इसके बाद आठ और नौ नवंबर की मध्य रात्रि एक बज कर 57 मिनट पर आया. तीसरी बार झटका नौ नवंबर को सुबह छह बज कर 27 मिनट 13 सेकेड पर आया. इस दौरान उसकी गहराई पांच किलोमीटर है. उल्लेखनीय है कि इस साल बिहार में जुलाई और अक्तूबर में भी भूकंप के झटके महसूस किये जा चुके है.
बिहार मे सरकारी भवनों को भूकंपरोधी बनाया जा रहा है,लेकिन आज भी अधिकांश लोग भूकंपरोधी मकान नहीं बना रहे है. ऐसे लोगो के लिए आपदा पबंधन प्राधिकरण एक पस्ताव तैयार कर रहा है, जिसमे आमलोगों को भूकंपरोधी मकान बनाने पर प्रोत्साहन राशि के साथ सहयोग दिया जायेगा. प्राधिकारण ने मकान बनाने वालो को कितनी राशि दी जाये, जल्द ही तय करेगी और कैबिनेट से स्वीकृति के बाद इसे लागू कर दिया जायेगा.
देश का पहला भूकंपरोधी घर दरभंगा का नरगौना पैलेस है. इस भवन का निर्माण 1934 के प्रलयकारी भूकंप के बाद हुआ था. रिक्टर पैमाने पर 9 से अधिक तीव्रता को भी झेल लेनेवाले इस भवन का निर्माण 1934 से 1936 के दौरान हुआ. यह भवन दरभंगा के महाराजा कामेश्वर सिंह का निवास स्थान था जो बाद में बिहार सरकार को दान कर दिया गया. अभी इस भवन में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय का स्नातकोत्तर विभाग की पढ़ाई होती है. 1988 में आये भीषण भूकंप में भी इस भवन को किसी प्रकार की क्षति नहीं हुई थी.