पटना. बिहार की नई पर्यटन नीति में रोजगार और स्वरोजगार पर भी फोकस किया गया है. पर्यटन की दृष्टि से युवाओं में कौशल का विकास करने के लिये भी रणनीति बनायी गयी है. इसके लिये निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा दिया जायेगा.पर्यटन विभाग, कौशल विकास के लिये सरकरी और निजी क्षेत्र के बीच सेतु का काम करेगा. दरअसल पर्यटन क्षेत्र में ट्रेंड मैनपावर की कमी है.इसकमी को दूर करने के लिये क्षेत्र विशेष के लिये ट्रेनिंग की व्यवस्था को प्रोत्साहित किया जा रहा. युवाओं में पर्यटन क्षेत्र के लिये कौशल विकास करने के लिये बिहार स्किल डेवलपमेंट मिशन के तहत इंडियन होटल मैनेजेंट इंस्टीट्यूट(आइएचएम) बोधगया और वैशाली को पार्टनर बनाया गया है.आइएचएम को शॉट ड्यूरेशन कोर्स डिजाइन करने के लिये कहा गया है.
पर्यटन से संबंधित कोर्स चलाने के लिये वित्तीय सहायत दी जायेगी
राज्य सरकार पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के लिये कई स्तरों पर प्रयास कर रही है.पर्यटन क्षेत्र में निवेश का प्रवाह बढ़े इसके लिये पर्यटन नीति बनाई गयी है,जिसमें निवेश पर सब्सिडी के साथ-साथ कई तरह की सुविधा देने का प्रावधान किया गया है. इस कड़ी में पर्यटन से संबंधित कोर्स चलाने के लिये वित्तीय सहायत दी जायेगी. सूचीबद्ध होटल,रिसॉर्ट,टूर ऑपरेटर को ट्रेंड पर्यटक गाइडों को रोजगार देने के लिये गाइडों को भुगतान किये जाने वाले मासिक पारिश्रमिक का पांच फीसदी या अधिकतम पांच हजार रुपये दो वर्षों तक देने का प्रावधान नई पर्यटन नीति में किया गया है.
विदेशी भाषा सीखने वालों के लिये कोर्स फीस पर सब्सिडी देने की मांग
पिछले दिनों ने नई पर्यटन नीति पर आयोजित कार्यशाला में पर्यटन क्षेत्र का अनुभव रखने वाले सरकार के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने उपमुख्यमंत्री सह पर्यटन मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव से विदेशी भाषा सीखने वाले छात्रों के कोर्स फीस पर सब्सिडी देने की मांग की थी. उन्होंने कहा कि राज्य के युवा जब विदेशी भाषा सीखकर पर्यटन के क्षेत्र में नौकरी करेंगे तो वे निवेश लाने में भी मदद करेंगे और बिहार पर्यटन की ब्रांडिंग भी.