मनोज कुमार, पटना. बिहार में पहली बार किसानों को सरकार दुधारू देसी गाय उपलब्ध करवाने जा रही है. हरियाणा, राजस्थान, पंजाब व गुजरात से शाहिवाल, गिर तथा थारपारकर नस्ल की देसी गाय बिहार के किसानों को उपलब्ध करायी जायेगी. राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड किसानों को गाय उपलब्ध करवायेगा. किसान अपनी इच्छा से दूसरे राज्यों से भी देसी गाय खरीद सकते हैं. गव्य विकास की ओर से प्रस्तावित इस प्लान की सरकार ने मंजूरी दे दी है. इसके लिए 30 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये हैं. अब तक किसानों को शंकर नस्ल की गाय खरीद पर ही सब्सिडी मिलती थी.
4228 गाय किसानों को उपलब्ध करायी जायेगी
एससी-एसटी व अतिपिछड़ा वर्ग को 75% तथा अन्य दूसरे वर्ग को 50% सब्सिडी पर देसी गाय उपलब्ध करायी जायेगी. परिवहन खर्च सहित प्रति गाय एक लाख रुपये खर्च किया जायेगा. दो यूनिट की 1386 तथा चार यूनिट की 379 देसी गाय मिलाकर कुल 4228 गाय किसानों को दी जानी है. दो यूनिट में एक किसान को दो तथा चार यूनिट में एक किसान को चार गाय मिलनी हैं.
राष्ट्रीय औसत से आधा दूध देती है बिहार की गाय
बिहार में अधिकांश शंकर नस्ल की गाय हैं. प्रतिगाय 10 लीटर दूध प्रतिदिन देने का राष्ट्रीय औसत है. बिहार में औसतन प्रतिदिन 5.5 लीटर दूध ही गाय देती है. देसी नस्ल की गाय औसतन दस लीटर दूध देती है. देसी गायों के आने से दूध का उत्पादन बिहार में बढ़ेगा.
प्राकृतिक खेती में काम आयेगा देसी गाय का गोबर व गोमूत्र
बिहार में 52 हजार हेक्टेयर में प्राकृतिक होगी. इसमें देसी गाय के गोबर व गोमूत्र से ही खाद बनाकर इस्तेमाल करना है. किसानों के क्लस्टर में बनी खाद प्राकृतिक खेती में इस्तेमाल होगी. बाहर से उर्वरक का इस्तेमाल इसमें प्रतिबंधित है. इसे ध्यान में रखकर भी देसी गाय मंगायी जा रही है.
देसी गाय के दूध की कीमत में आयेगी कमी
वर्तमान में देसी गाय के दूध की कीमत लगभग 70 से 80 रुपये प्रतिलीटर है. देसी गाय के आ जाने के बाद दूध की मात्रा बढ़ेगी और इसकी कीमत भी कम होने की संभावना है. शंकर नस्ल की गायों में 3 से 4% फैट होता है. देसी गायों में 5.6% फैट होगा.