बिहार के 24000 परिवारों को जमीन उपलब्ध कराएगी सरकार, भूमिहीनों को बसाने के लिए हो रहा सर्वे

नये वासरहित भूमिहीनों को बसाने के लिए पूरे बिहार में नये सिरे से सर्वे हो रहा है. सभी अपर समाहर्ताओं को इस काम को जल्द -से -जल्द पूरा करने का निर्देश दिया गया है. इसके बाद नयी सूची से भूमिहीनों को वास भूमि उपलब्ध कराने का अभियान नये सिरे से शुरू किया जायेगा.

By Prabhat Khabar | April 6, 2023 3:21 AM

बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक मेहता ने कहा है कि राज्य में बचे हुए करीब 24 हजार वास रहित भूमिहीनों को इस वित्तीय वर्ष में जमीन उपलब्ध करा दी जायेगी. नये वासरहित भूमिहीनों को बसाने के लिए पूरे बिहार में नये सिरे से सर्वे हो रहा है. सभी अपर समाहर्ताओं को इस काम को जल्द -से -जल्द पूरा करने का निर्देश दिया गया है. इसके बाद नयी सूची से भूमिहीनों को वास भूमि उपलब्ध कराने का अभियान नये सिरे से शुरू किया जायेगा. राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता ने बुधवार को यह बातें अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा (खेग्रामस) के प्रतिनिधियों से मुलाकात के दौरान कहीं.

अदालती आदेश पर सरकारी जमीन से हटाने से पहले भी वैकल्पिक व्यवस्था का निर्देश

मंत्री आलोक मेहता ने कहा कि सभी राजस्व अधिकारियों को यह स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि अदालती आदेश में किसी व्यक्ति को सरकारी जमीन से हटाया जाना जरूरी होने पर उसे हटाने से पहले आवासन के लिए वैकल्पिक भूमि की समुचित व्यवस्था की जायेगी. उन्होंने बताया कि वर्तमान में राजस्व भूमि सुधार विभाग द्वारा भूमिहीन गरीबों दलितों को वासयोग्य भूमि उपलब्ध कराने के लिए ऑपरेशन बसेरा चलाया जा रहा है.

इसके तहत सुयोग्य श्रेणी के भूमिहीन लोगों के आवासन के लिए पांच डिसमिल तक भूमि उपलब्ध करायी जाती है. इस योजना के तहत अब तक 90 हजार 301 सुयोग्य श्रेणी के परिवारों को आवासन के लिए जमीन उपलब्ध करायी जा चुकी है. इसके अतिरिक्त जिन लोगों को सरकार द्वारा आवासन के लिए पर्चा दिया गया है, उनकी बेदखली की स्थिति में ऑपरेशन दखल देहानी के नाम से राज्यव्यापी विशेष अभियान भी चलाया जा रहा है.

खेग्रामस के प्रतिनिधियों ने मंत्री आलोक मेहता को दिया स्मार पत्र

अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा के प्रतिनिधियों ने स्मार पत्र देकर मंत्री आलोक मेहता से मांग की है कि जिनके पास बसे जमीन का मालिकाना हक या कोई कागजात नहीं है, उसे जरूरी जमीन छोड़ कर अन्य जमीन लीज या पट्टे पर दे दी जाये. प्रतिनिधिमंडल में भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव सह पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेंद्र झा, भाकपा- माले के राज्य अध्यक्ष सह विधायक सत्यदेव राम, विधायक विरेंद्र गुप्ता, गोपाल रविदास, कार्यकारी राज्य सचिव शत्रुघ्न सहनी एवं भाकपा -माले के मीडिया प्रभारी कुमार परवेज शामिल थे.

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