बिहार में कोरोना काल के दौरान उजागर हुई स्वास्थ्य विभाग की खामियों से सबक लेते हुए अब विभाग मुकम्मल करने में जुटा है. वेंटिलेटर की कमी के चलते कोविड-19 के कई मरीजों की मौत हुई. इसको लेकर अब प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर की कमी को दूर करने की कवायद चल रही है.
मामले को लेकर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि प्रदेश के चार मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों के साथ ही पांच जिला अस्पतालों के आईसीयू को जल्द ही नई अधुनिक तकनीकों से लैस वेंटिलेटर से लैस कर दिया जाएगा. इसको लेकर विभाग की ओर से विभिन्न अस्पतालों को 90 वेंटिलेटर मुहैया कराई गई है.
इन सुविधाओं के लैस होने से मेडिकल कॉलेज व जिला अस्पतालों की ICU की क्षमता भी बढ़ जाएगी. जिससे मरीजों को इलाज में बेहतर सुविधा मिलेगी. मंगल पांडेय ने कहा कि वेंटिलेटरों की संख्या बढ़ने से मरीजों को समुचित इलाज में मदद मिलेगी. कई बीमारियों को ध्यान में रखते हुए मेडिकल कॉलेज अस्पताल और जिलों के सिविल सर्जन के मांगपत्र के बाद वेंटिलेटर का आवंटन किया गया है.
स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा कि भारत सरकार से सहयोग से मिले वेंटिलेटर्स को इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान, दरभंगा मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल, अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज गया, गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल पूर्णिया, व इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान को वेंटिलेटर आवंटित किए गये हैं, वहीं, जिला अस्पताल लखीसराय, नालंदा, समस्तीपुर, सारण एवं बांका को भी वेंटिलेटर की आवंटन किया गया है.
मंगल पांडेय ने कहा कि अस्पताल में सभी सुविधाएं शुरू होने पर हर प्रकार के रोगियों के इलाज में अधीक्षक एवं सिविल सर्जनों को सहूलियत होगी. बता दें कि डीएमसीएच को 25 ,आईजीआईएमएस को 16, एएनएमसीएच गया को 13, जीएमसी पूर्णियां को 10 और आईजीआईसी को 5 वेंटिलेटर आवंटित किए गये हैं. वहीं, बात अगर जिला अस्पतालों की करें तो बांका और लखीसराय को 3-3, नालंदा को 5, समस्तीपुर को 5 और सारण को 5 वेंटिलेटर आवंटित किये गए हैं.