बिहार लोक सेवा आयोग से अनुशंसित राज्य के बाहर के चयनित शिक्षकों के शैक्षणिक और प्रशैक्षणिक दस्तावेजों का सत्यापन वहां के विश्वविद्यालयों और बोर्ड से कराने की जिम्मेदारी थर्ड पार्टी वैरीफिकेशन एजेंसी को दी गयी है. 31 दिसंबर तक सभी नवचयनित शिक्षकों के दस्तावेजों के सत्यापन कराये जायेंगे. माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव के मुताबिक दस्तावेज सत्यापन की थर्ड पार्टी एजेंसी बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड स्कीम से जुड़ी होगी. खास बात यह होगी कि शैक्षणिक/ प्रशैक्षणिक एवं पात्रता परीक्षा उत्तीर्णता प्रमाणपत्रों का सत्यापन ऑनलाइन कराया जायेगा. उम्र सत्यापन के लिए मैट्रिक एवं समकक्ष उत्तीर्णता प्रमाणपत्र का सत्यापन आवश्यक है. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक राज्य के अंदर विश्वविद्यालयों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन उच्च शिक्षा निदेशालय की तरफ से कराये जायेंगे.
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बिहार के सभी बोर्ड के शैक्षणिक प्रमाणपत्रों की जांच जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना से करायी जायेगी. सीबीएसइ और दूसरे केंद्रीय बोर्ड की तरफ से दस्तावेजों के सत्यापन के लिए लॉगिन आइडी और पासवर्ड उपलब्ध कराये जायेंगे, जिसका उपयोग कर कार्यक्रम पदाधिकारी मैट्रिक, इंटरमीडिएट एवं सीटीइटी के प्रमाणपत्रों का सत्यापन करेंगे. इसी तरह बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के द्वारा भी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना के लिए लॉगिन एवं पासवर्ड जेनेरेट कर संबंधित जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को मुहैया कराया जायेगा. इसका उपयोग कर बिहार बोर्ड के पोर्टल से मैट्रिक , इंटरमीडिएट, डीएलएड, एसटीइटी एवं बीटीइसी के प्रमाणपत्रों का सत्यापन करेंगे. इसका कोई शुल्क नहीं लिया जायेगा. प्रमाणपत्रों के सत्यापन के लिए जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना नोडल अधिकारी होंगे. वही किसी भी प्रकार की त्रुटि एवं लापरवाही के लिए जिम्मेदार होंगे.