नवनियुक्त शिक्षकों से पहले भरी जायेंगी दूरस्थ स्कूलों की रिक्तियां, सॉफ्टवेयर से होगा आवंटन
शिक्षा विभाग स्कूलों की जरूरत के आधार पर शिक्षकों को नियुक्त करेगा. सॉफ्टवेयर में रिक्तियों वाले स्कूलों और नव नियुक्त किये जा रहे शिक्षकों की जानकारी अपलोड की जा रही है.
राज्य के सरकारी स्कूलों में नव नियुक्त 1,20,336 विद्यालय अध्यापकों को स्कूलों का आवंटन सॉफ्टवेयर के जरिये रैंडमली किया जायेगा. स्कूल चयन के संदर्भ में विद्यालय अध्यापकों से अपनी कोई च्वाइस नहीं मांगी गयी है. शिक्षा विभाग स्कूलों की जरूरत के आधार पर शिक्षकों को नियुक्त करेगा. सॉफ्टवेयर में रिक्तियों वाले स्कूलों और नव नियुक्त किये जा रहे शिक्षकों की जानकारी अपलोड की जा रही है. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक सबसे पहले दूरस्थ के स्कूलों में रिक्तियों के हिसाब से शिक्षक दिये जायेंगे. इसके बाद दूसरे स्कूलों में रिक्त स्थानों को भरा जायेगा. साॅफ्टवेयर के जरिये स्कूलों के आवंटन का टेस्ट किया जा चुका है.
इसे त्रुटि मुक्त माना गया है. दो नवंबर को सभी नव नियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र मिल जायेगा. राज्य में बिहार लोक सेवा आयोग के जरिये 1,20,336 विद्यालय अध्यापक चयनित हुए हैं. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक सॉफ्टवेयर के जरिये स्कूल आवंटन की इस प्रक्रिया से 28 हजार वह नियोजित शिक्षक मुक्त रहेंगे, जिनका चयन विद्यालय अध्यापक के रूप में हुआ है. दरअसल, शिक्षा विभाग ने इन शिक्षकों को अपने मूल स्कूल में ही पदस्थापित रहने की छूट दी है. हालांकि वह नियोजित शिक्षक जिनका वर्ग अब बदल गया है,
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जैसे कि ऐसे नियोजित शिक्षक जो अब तक प्राइमरी में पढ़ाते थे. उनका चयन प्लस टू स्कूल में विद्यालय अध्यापक के रूप में हो गया है, उन्हें साॅफ्टवेयर के जरिये स्कूल आवंटित किये जायेंगे. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक सचिवालय स्तर से सभी डीइओ से काउंसेलिंग रिपोर्ट मांगी गयी है. खास बात यह है कि सॉफ्टवेयर से स्कूल आवंटन के बाद उस पर जिला शिक्षा पदाधिकारियों से औपचारिक हस्ताक्षर कराये जायेंगे, क्योंकि नियमावली के तहत जिला संवर्ग विद्यालय अध्यापकों की नियोजित इकाई जिला ही है.
2005 के बाद से काउंसेलिंग से हो रहे थे स्कूल चयनित
2005 से पहले स्कूलों का आवंटन सचिवालय स्तर से होता था. 2005 से नियोजन इकाइयां अधिक हो जाने की वजह से स्कूलों का चयन काउंसेलिंग के दौरान ही होता था. इसमें शिक्षक की मंशा का भी ख्याल रखा जाता था. नयी नियमावली के अनुसार इस बार की काउंसिलिंग में स्कूलों के चयन के संदर्भ में शिक्षक की राय नहीं ली गयी है. गौरतलब है कि नव नियुक्त शिक्षकों में पचीस हजार को पटना में मुख्यमंत्री की मौजूदगी में गांधी मैदान में नियुक्ति पत्र दिये जायेंगे. बाकी के शिक्षकों को प्रमंडलीय मुख्यालय में प्रमंडलीय आयुक्त के हाथों नियुक्ति पत्र दिये जाने की तैयारी है
सभी शिक्षकों को गांधी मैदान आना जरूरी
दो नवंबर को गांधी मैदान में प्रस्तावित नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में दूरदराज के प्रमंडलों मसलन पूर्णिया, भागलपुर और सरहसा के नव नियुक्त विद्यालय अध्यापकों को नहीं लाया जायेगा. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने इस आशय के आदेश संबंधित जिलों के जिला पदाधिकारियों को दिये हैं. अपर मुख्य सचिव के के पाइक ने जिला पदाधिकारियों को जारी निर्देश में कहा है कि पटना, नालंदा और वैशाली जिलों के सभी सफल विद्यालय अध्यापकों गांधी मैदान में आना होगा. यहां जिलास्तरीय किसी तरह का कार्यक्रम प्रस्तावित नहीं है.
शेष जिलों में नव विद्यालय अध्यापकों को नियुक्ति पत्र वितरित करने के लिए जिला स्तरीय कार्यक्रम प्रस्तावित हैं. जिला मुख्यालय पर होने वाले नियुक्त पत्र वितरण समारोह की अध्यक्षता जिले के प्रभारी मंत्री करेंगे. इस समारोह में बुलाये जाने वाले गणमान्य नागरिकों की जानकारी जिला पदाधिकारियों को पहले सचिवालय को भेजनी होगी. फिलहाल दूरस्थ जिलों से लाये जाने वाले शिक्षकों की संख्या केवल 25000 रह गयी है. इससे पहले गांधी मैदान में आने वाले शिक्षकों की संख्या 25000 हजार से कुछ अधिक निर्धारित की गयी थी.
दो नवंबर को गांधी मैदान में आयोजित होने वाले नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में शामिल होने के लिए जिन शिक्षकों को चिन्हित किया गया उन सभी को विशेष बस द्वारा समारोह स्थल तक लाया जायेगा. समारोह खत्म होने के बाद सभी शिक्षक अपने-अपने प्रशिक्षण संस्थानों में लौट जायेंगे. तीन नवंबर को सभी शिक्षक अपने पदस्थापित विद्यालय में योगदान देंगे.