अब बीएमएसयू के अंतर्गत आयेंगे बिहार के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल, जल्द शुरू होगा रजिट्रेशन
बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (बीएमएसयू) में आगामी सत्र से शैक्षणिक गतिविधियां शुरू हो जायेंगी. अब इसी बीएमएसयू के तहत ही शैक्षणिक सत्र 2022-23 में मेडिकल पीजी में नामांकन लेनेवाले विद्यार्थियों का रजिस्ट्रेशन किया जायेगा.
पटना. बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (बीएमएसयू) में आगामी सत्र से शैक्षणिक गतिविधियां शुरू हो जायेंगी. अब इसी बीएमएसयू के तहत ही शैक्षणिक सत्र 2022-23 में मेडिकल पीजी में नामांकन लेनेवाले विद्यार्थियों का रजिस्ट्रेशन किया जायेगा. नीट पीजी की परीक्षा संपन्न हो चुकी है और इसका परीक्षा परिणाम भी जारी कर दिया गया है. ऐसे में काउंसेलिंग के बाद पीजी के विद्यार्थियों का रजिस्ट्रेशन शुरू हो जायेगा.
पीजी की 332 डिग्री की सीटों पर रजिस्ट्रेशन होगा
जानकारी के मुताबिक बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय में आगामी सत्र में पीजी की 332 डिग्री की सीटों पर रजिस्ट्रेशन होगा, जबकि डिप्लोमा की 22 सीटों पर नामांकन लेनेवाले विद्यार्थियों का भी रजिस्ट्रेशन किया जायेगा. इधर, विश्वविद्यालय के पहले कुलपति के रूप में डाॅ एसएन सिन्हा ने प्रभार संभालते ही इस दिशा में काम शुरू कर दिया है.
नये कोर्स की मान्यता भी बीएमएसयू ही देगा
राज्य के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों जिसमें पीएमसीएच, एनएमसीएच (पटना), डीएमसीएच (दरभंगा) एसकेएमसीएच (मुजफ्फरपुर), जीएमसी (बेतिया), जेएलएनएमसीएच (भागलपुर) विम्स, पावापुरी, एएनएमसीएच (गया) में नामांकन लेनेवाले विद्यार्थियों का परीक्षा संचालन का काम भी बीएमएसयू के नियंत्रण में चला जायेगा. अब बीएमएसयू से मान्यता के बाद ही किसी भी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में नये कोर्स को शुरू किया जा सकेगा.
काउंसेलिंग के बाद रजिस्ट्रेशन का काम होगा आरंभ
एक विवि के अंदर आने के बाद सभी मेडिकल कॉलेजों के सत्रों के संचालन से लेकर परीक्षा संपन्न कराने का काम बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के अधिकार क्षेत्र में चला जायेगा. विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ एसएन सिन्हा ने बताया कि वह काउंसेलिंग के बाद पीजी छात्रों के रजिस्ट्रेशन का काम आरंभ कर देंगे.
पीएमसीएच : गायब मिले 15 डॉक्टर, शोकॉज नोटिस
पटना. बारिश के दौरान शहर के पीएमसीएच के ओपीडी में मौसमी बीमारी से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ गयी है. ऐसे में डॉक्टर समय पर ओपीडी और वार्ड में आते हैं या नहीं या फिर मरीजों को किस तरह की परेशानी हो रही है, इसकी जानकारी के लिए खुद पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर ने शनिवार को एक दर्जन विभागों का औचक निरीक्षण किया.
लिखित में स्पष्टीकरण मांगा
इस दौरान अधीक्षक ने मनोचिकित्सक, हड्डी, इएनटी, नेत्र रोग, मेडिसिन, जेरियाट्रिक और सर्जरी विभाग में सीनियर रेजीडेंट, तीन एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर सहित कुल 15 सीनियर व जूनियर डॉक्टरों को अनुपस्थित पाया. गायब डॉक्टरों से अस्पताल के अधीक्षक ने लिखित में स्पष्टीकरण मांगा है.
अधीक्षक सुबह 9:30 बजे ओपीडी पहुंचे
अधीक्षक सुबह 9:30 बजे ओपीडी पहुंचे. यहां अधिकांश डॉक्टर सुबह 11 बजे तक ओपीडी नहीं पहुंचे थे. गायब डॉक्टरों को लिखित में 24 घंटे के अंदर जवाब देने को कहा गया है. जवाब नहीं मिलेगा, तो एक दिन की हाजिरी कटेगी और कार्रवाई के लिए स्वास्थ्य विभाग को पत्र भी लिखा जायेगा.