पटना. आठ मई शनिवार से प्रदेश के सभी जन वितरण केंद्रों पर बिना पैसा लिए सरकारी राशन बांटा जायेगा़ मई माह में बिहार के पीडीएस उपभोक्ताओं को हर माह से दो गुना राशन मुफ्त में मिलेगा़
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक राज्य के लोगों को प्रति किलो चावल तीन रुपये और प्रति गेहूं के लिए लगने वाले दो रुपये प्रति किलो की कीमत पूरी तरह खत्म कर दी है़ हालांकि यह केवल एक माह के लिए किया गया है़ वहीं प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत मई और जून में प्रत्येक लाभार्थी को पांच किलोग्राम खाद्यान्न अलग से मुफ्त में दिया जाना है़
उल्लेखनीय है कि राज्य के अलावा करीब साढ़े चार लाख टन खाद्यान्न केंद्र से भी मिला है़ इसमें करीब 2,74,693 टन चावल और 1,83,128 टन गेहूं दिया गया है़ इतना ही खाद्यान्न राज्य सरकार बांटेगी. इसमें से चावल वह अपने कोटे से बांटेगी़ यह वह चावल है जो इस साल समर्थन मूल्य से खरीदे गये धान्य से हासिल हुआ है़
उल्लेखनीय है कि राज्य और केंद्र ने मई माह के लिए करीब नौ लाख टन खाद्यान्न आवंटित कर दिया है़ प्रदेश में करीब 8.71 करोड़ से अधिक पीडीएस उपभोक्ताओं का लाभ मिलेगा़ कोविड के मद्देनजर आर्थिक अभाव के मद्देनजर राज्य और केंदीय सरकार ने यह कदम उठाया है़
जानकारी के मुताबिक प्रदेश में करीब पांच से दस फीसदी डीलर्स ने अपनी विभिन्न मांगों के चलते अनाज वितरण से मना कर दिया था़ हालांकि आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि अधिकतर ने अनाज उठा लिया है, जिन नाम मात्र के डीलरों ने उठाव नहीं किया है,वहां वितरण के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गयी है़
दरअसल डीलर्स का कहना है कि कोविड में पीओएस के जरिये संक्रमण फैल सकता है़ इसके अलावा कई उनकी अन्य दूसरी मांगें भी हैं. हालांकि सरकार का कहना है कि कोविड प्रोटोकाल के तहत पीओएस से राशन बांटने में संक्रमण नहीं फैलेगा़ इसके बाद भी कोई शंका है तो उपभोक्ता अनाज उठाव के लिए वायोमेट्रिक सत्यापन के अन्य विकल्प आंखों की पुतली का इस्तेमाल कर सकते हैं.
Posted by Ashish Jha