पटना. भाजपा नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव को देखकर बिहार सरकार ने आनंद मोहन के नाम पर कई दुर्दांत अपराधियों को जेल से रिहा किया है. सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने खुद 2016 में ये कानून बनाया था कि जो अपराधी बलात्कार के साथ हत्या, डकैती के साथ हत्या या सरकारी कर्मी की हत्या जैसे अपराध में उम्र कैद की सजा काट रहे हैं, उन्हें समय से पहले रिहाई की सुविधा नहीं दी जायेगी. सरकार ने माना था कि ये जघन्य अपराध हैं, जिनके दोषी को कोई छूट नहीं दी जा सकती, लेकिन नीतीश कुमार ने अपने ही हाथों बनाये गये कानून को बदल दिया.
पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि उन्हें आनंद मोहन से कोई विरोध नहीं है, लेकिन आनंद मोहन के नाम पर 26 दुर्दांत अपराधियों को जेल से छोड़ दिया गया है. वैसे दुर्दांत अपराधी जिन्होंने सरकारी कर्मचारियों-अधिकारियों की हत्या की थी, उन्हें जेल से छोड़ा जा रहा है. सुशील मोदी ने कहा कि सरकार ने जिन अपराधियों को जेल से छोड़ने का आदेश जारी किया है, उनमें 7 लोग ऐसे हैं जिन्हें हर महीने थाने में हाजिरी बनाने का आदेश दिया गया है. वे दुर्दांत अपराधी हैं और सरकार को ही शक है कि वह फिर से किसी कांड को अंजाम दे सकते हैं. सुशील मोदी ने कहा कि आजीवन जेल की सजा काट रहे इन लोगों को किस आधार पर अच्छे आचरण का सर्टिफिकेट दिया गया है.
सुशील मोदी ने कहा कि आज बिहार में सरकारी कर्मचारी और अधिकारी भयभीत हैं. डरे हुए हैं. अगर कोई उनकी हत्या कर देगा, तो सरकार उसे 10-12 साल की जेल की सजा के बाद रिहा कर देगी. जिस तरह से सरकार ने कानून में संशोधन किया गया है, उसका हम विरोध करते हैं. बिहार के लाखों सरकारी कर्मचारी-अधिकारी डरे हुए हैं. अब अगर कोई उनकी हत्या कर देगा, तो सरकार उसे जेल से रिहा कर देगी. सुशील मोदी ने साफ शब्दों में कहा कि सरकार ने दुर्दांत अपराधियों को जेल से इसलिए रिहा किया गया है क्योंकि चुनाव में उनसे मदद ली जा सके.
मोदी ने कहा कि नीतीश सरकार ने संविधान विरोधी काम किया है. इसलिए नीतीश कुमार को जवाब देना होगा. मैं राहुल गांधी, ममता बनर्जी और अखिलेश यादव से सवाल पूछना चाहूंगा कि बिहार सरकार ने 27 दुर्दांत अपराधियों को जेल से छोड़ने का जो फैसला लिया है, उस पर उनकी क्या प्रतिक्रिया है. उन्हें जवाब देना होगा. सुशील मोदी ने कहा कि आनंद मोहन को तो नीतीश कुमार ने ही जेल भिजवाया. उनके खिलाफ सारी कार्रवाई की. हमने तो आनंद मोहन के रिहाई का मांग की थी.