सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को भी अब डायरी मिलेगी. इसका नाम होगा मेरी डायरी. इसमें छुट्टी से लेकर होमवर्क तक अपडेट होगा. शिक्षकों की जिम्मेदारी होगी कि बच्चों की स्कूल डायरी का निरीक्षण नियमित तौर पर करने के साथ अपडेट करते रहें. बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने स्कूल डायरी की व्यवस्था अगले सत्र से लागू करने की कवायद शुरू कर दी है. राज्य स्तर पर करीब दर्जन भर शिक्षकों की टीम स्कूल डायरी का कंटेंट और डिजाइन तैयार करने में जुटी है.
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने सरकारी स्कूलों की व्यवस्था में बड़े बदलाव का खाका तैयार किया है. बच्चों के बस्ते का बोझ कम करने के लिए स्कूल डायरी दिया जायेगा. डायरी में यह लिखा रहेगा कि किस दिन किस विषय की पढ़ाई होगी. किस दिन छुट्टी रहेगी या किस दिन सह शैक्षणिक गतिविधियों के लिए शेड्यूल बना है. गर्मी व ठंडी में स्कूल का समय, त्योहार की छुट्टियां, सुरक्षित शनिवार, आपदा व बचाव के उपाय, चेतना सत्र की गतिविधियां, राष्ट्रीय गीत, राष्ट्र गान व राज्य गीत डायरी में दर्ज रहेगी. डायरी देखकर बच्चे केवल जरूरी किताबें ही लेकर स्कूल आयेंगे. डायरी में स्कूल खुलने और बंद होने का समय भी रहेगा, जिससे अभिभावकों के लिए सहूलियत होगी. डायरी में शिक्षक नियमित तौर पर होमवर्क देंगे. विषयवार बच्चों का प्रदर्शन भी दर्ज किया जायेगा, जिससे अभिभावकों को भी जानकारी हो सके.
स्कूल डायरी की व्यवस्था सरकारी स्कूलों में दो चरणों में लागू की जायेगी. विभागीय अधिकारियों के अनुसार पहले चरण में पहली से आठवीं क्लास के बच्चों को ही डायरी दी जानी है. वहीं, दूसरे चरण में नौवीं से 12वीं तक के बच्चों को डायरी दी जायेगी.
स्कूलों के निरीक्षण के दौरान जिला स्तरीय पदाधिकारी स्कूल डायरी की भी जांच करेंगे. क्लास में किसी भी बच्चे की डायरी चेक करके उसकी स्थिति जानेंगे. शिक्षक ने नियमित होमवर्क दिया है या नहीं और अभिभावकों की ओर से कोई फीडबैक है या नहीं, इसकी जानकारी डायरी से ही मिल जायेगी.