जिले के सरकारी स्कूलों को शैक्षणिक गतिविधियों के आधार पर रैंकिंग दी जायेगी. स्कूलों को साल में दो बार रैंकिंग दी जायेगी. नवंबर और मार्च माह में रैंकिंग दी जायेगी. इसमें सभी स्कूलों को नवंबर माह से उनके प्रदर्शन के आधार पर एक से पांच स्टार तक दिया जायेगा. स्कूलों को रैंकिंग विभिन्न मानकों के आधार पर दी जायेगी. इसमें विद्यार्थियों की परीक्षा के औसत प्राप्त अंक, स्कूल में आयोजित होने वाली शैक्षणिक गतिविधियां, स्कूलों में पढ़ाई के स्तर, स्वच्छता, शिकायत निवारण आदि के आधार पर रैंकिंग दी जायेगी. मानकोंं के अनुरूप सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले स्कूलों को 100 अंक दिये जायेंगे. जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए साल में दो बार विद्यालयों की रैंकिंग कराने का फैसला किया गया है.
अलग-अलग मानकों पर दिये जायेंगे अंक
तय मानकों के आधार पर स्कूलों को अंक दिये जायेंगे. इसमें विद्यार्थियों के रिजल्ट के लिए 20 अंक दिये जायेंगे. मासिक जांच परीक्षा में औसत अंक पर 10 अंक दिये जायेंगे. इसके साथ ही विद्यार्थियों की औसत उपस्थिति पर 10 अंक मिलेंगे. वहीं विद्यार्थियों को मिलने वाले होमवर्क की नियमित जांच होने पर पांच अंक, स्कूल के बाद विशेष कक्षा बेहतर ढंग से संचालित करने पर तीन अंक, विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म में स्कूल आने पर पांच अंक, क्लास की सफाई पर 2.5 अंक, साफ-सफाई पर 2.5 अंक दिये जायेंगे. इसके साथ ही विभिन्न सांस्कृतिक और शैक्षणिक गतिविधियों के आधार पर भी अंक दिये जायेंगे.
85 से 100 अंक प्राप्त करने वालों को मिलेगा फाइव स्टार
स्कूलों को अलग-अलग मानकों के आधार पर मिले अंक को जोड़कर ही स्टार दिया जायेगा. इसमें 85 से 100 अंक प्राप्त करने वाले स्कूलों को फाइव स्टार दिया जायेगा. 75 से 84 अंक आने पर फोर स्टार, 50 से 74 अंक आने पर थ्री स्टार, 25 से 49 अंक आने पर डबल स्टार और 0-24 अंक आने पर वन स्टार दिया जायेगा.
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