बिहार के यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम में नामांकन को लेकर राज्यपाल द्वारा जारी ऑर्डिनेंस को लेकर विभाग के अपर मुख्य सचिव की ओर से राज्यपाल कार्यालय को अर्द्ध सरकारी पत्र भेजा गया है. इसमें राज्यपाल से स्नातक के चार वर्षीय कोर्स में नामांकन शुल्क को लेकर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया गया है. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने बताया कि बताया कि वर्तमान में इसको लेकर जो नियम, परिनियम के तहत राज्य सरकार को प्रदत्त शक्ति में प्रथम दृष्टया महामहिम से पुनर्विचार का अनुरोध किया गया है. इसके बाद सरकार इसकी समीक्षा करके नियमानुकूल कार्रवाई करेगी.
तीन वर्षीय स्नातक कोर्स के लिए 12280 रुपये नामांकन शुल्क
शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर विधानसभा में गुरुवार को शकील अहमद खां के ध्यानाकर्षण सूचना का जवाब दे रहे थे. उन्होंने सदन को बताया कि सरकार राज्यपाल द्वारा 15 मई 2023 को जारी अध्यादेश में तीन वर्षीय स्नातक कोर्स के लिए 12280 रुपये नामांकन शुल्क निर्धारित किया गया है. इसके अलावा सभी प्रकार के चार वर्षीय स्नातक कोर्स में नामांकन के लिए नामांकन शुल्क 16290 रुपये निर्धारित किया गया है. चार वर्षीय कोर्स में अलग से प्रति सेमेस्टर 600 रुपया प्रति सेमेस्टर लैब शुल्क, 600 रुपया प्रति सेमेस्टर प्रोयोगिक परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन शुल्क और 600 रुपया प्रति सेमेस्टर परीक्षा शुल्क का प्रावधान किया गया है.
पीयू में चार वर्षीय कोर्स के लिए लग रहे 29600 रुपये
ध्यानाकर्षण सूचना के माध्यम से शकील अहमद खां ने पूछा था कि पटना विश्वविद्यालय में चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम में नामांकन के लिए 29600 रुपये शुल्क लग रहा है. त्रिवर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम में 600 रुपये नामांकन में लगता था. नामांकन शुल्क अधिक होने के कारण चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम में गरीब छात्र व छात्राएं नामांकन नहीं करा रही है. सरकार को गरीब विद्यार्थियों के हित में इस पर गंभीर निर्णय लेना होगा.
चार वर्षीय स्नातक कोर्स की कक्षाएं आज से शुरू
पटना यूनिवर्सिटी (पीयू) गुरुवार को नये स्टूडेंट्स से गुलजार रहा. सभी कॉलेजों में इंडक्शन मीट का आयोजन गुरुवार को एक साथ किया गया. सभी स्टूडेंट्स को कॉलेज और कॉलेज में संचालित कोर्स के बारे में जानकारी दी गयी. शुक्रवार को विभाग स्तर पर इंडक्शन मीट होगा. इसमें नये स्टूडेंट्स को विभाग के बारे में जानकारी दी जायेगी. इसी के साथ पीयू के कॉलेजों में चार वर्षीय सीबीसीएस स्नातक कोर्स शुरू हो गया. छात्र-छात्राओं की कक्षाएं शुक्रवार से प्रारंभ होगी.
पीयू ने पिछले वर्ष लागू किया था सीबीसीएस
यह दूसरी बार है जब पीयू में स्नातक में सेमेस्टर सिस्टम से छात्र-छात्राओं की पढ़ाई शुरू होगी. एक वर्ष पूर्व तक छात्र वार्षिक परीक्षा के पैटर्न पर ही चल रहे थे. पिछले वर्ष पीयू ने सीबीसीएस लागू कर दिया था, हालांकि राजभवन के निर्देशक के बाद नयी शिक्षा नीति के तहत उसमें संशोधन कर उसे दोबारा से लागू किया गया है, जो अन्य विश्वविद्यालयों के द्वारा भी लागू किया गया है. नयी शिक्षा नीति के तहत प्रैक्टिकल और रिसर्च पर अधिक जोर दिया जायेगा. पटना कॉलेज के प्राचार्य प्रो तरुण कुमार ने कहा कि इंडक्शन मीट में 400 से अधिक बच्चे शामिल हुए. सभी को कॉलेज के बारे में जानकारी दी गयी. शुक्रवार से कक्षाएं चलेगी.
बीच में कोर्स छोड़ फिर ज्वॉइन कर सकते हैं
नये सिलेबस के अनुसार कोर्स को बीच में अगर छोड़ना चाहते हैं तो छोड़ सकते हैं. उन्हें एक वर्ष में सर्टिफिकेट, दो वर्ष में डिप्लोमा, तीन वर्ष में डिग्री और चार वर्ष में रिसर्च के साथ डिग्री का दी जायेगी. कभी भी कोर्स को छोड़ेंगे तो तब तक उन्होंने जितना प्राप्त किया है, उन्हें उसका सर्टिफिकेट मिल जायेगा. यह छूट सात वर्ष तक रहेगी. एक विवि से दूसरे विवि में भी छात्र ट्रांसफर ले सकेंगे. इसके अतिरिक्त कई रोजगार परक और स्किल डेवलपमेंट से संबंधित नये विषयों को सिलेबस में जोड़ा गया है.