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बिहार में नए खेल विभाग को राज्यपाल की मंजूरी, अधिसूचना जारी, बी राजेंद्र बने विभाग के पहले प्रधान सचिव

सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गयी. इसके बाद अब राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने भी इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद मंत्रिमंडल सचिवालय ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है. सरकार ने बी राजेंद्र को विभाग का पहला प्रधान सचिव नियुक्त किया है.

पटना. बिहार में खेल को बढ़ावा देने के लिए नीतीश सरकार ने अलग से खेल विभाग गठन करने का फैसला लिया है. सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गयी. इसके बाद अब राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने भी इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद मंत्रिमंडल सचिवालय ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है. सरकार ने बी राजेंद्र को विभाग का पहला प्रधान सचिव नियुक्त किया है. बिहार में अभी तक खेल से संबंधित सभी कार्य कला संस्कृति एवं युवा विभाग के अधीन किए जाते थे, जितेंद्र कुमार राय इस विभाग के मंत्री हैं.

नीतीश कुमार ने किया था नये विभाग के गठन का वादा

बीते 6 जनवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एलान किया था कि बिहार में अलग से खेल विभाग का गठन किया जाएगा. मेडल लाओ नौकरी पाओ योजना के तहत उत्कृष्ट खिलाड़ियों को नियुक्ति पत्र वितरण करने के दौरान मुख्यमंत्री ने एलान किया था कि जल्द ही बिहार में अलग से खेल विभाग का गठन किया जाएगा, जिससे खेल के क्षेत्र में बेहतर काम हो सकेगा. इसके बाद ही माना जा रहा था कि बिहार में कला संस्कृति एवं युवा विभाग से खेल संबंधी मामला अलग किया जायेगा.

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राज्य का 45 वां विभाग

नवगठित खेल विभाग राज्य का 45 वां विभाग होगा. जब तक किसी मंत्री को इस विभाग का प्रभार नहीं सौंपा जाता, तब तक यह विभाग मुख्यमंत्री के अधीन काम करेगा. मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग द्वारा 16 अगस्त, 2022 को जारी अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि ऐसे विभाग जो किसी को आवंटित नहीं है वह मुख्यमंत्री के अधीन होंगे. सरकार के स्तर पर विभाग के प्रधान सचिव और निदेशक के पद पर अधिकारियों की तैनाती कर दी है.

अलग से बजट की व्यवस्था नहीं

नव गठित खेल विभाग के लिए भवन के साथ अन्य उपस्कर की आवश्यकताओं की पूर्ति भवन निर्माण विभाग द्वारा किया जायेगा. नया विभाग होने से इसका अलग से बजट की व्यवस्था नहीं है. जब तक खेल विभाग के लिए अलग से बजट की व्यवस्था नहीं होती है, तब तक कला संस्कृति विभाग के बजट से ही खेल विभाग की गतिविधियों और कार्यालय संबंधित कार्य किया जायेगा.

पदाधिकारी व कर्मचारियों का होगा बंटवारा

कला संस्कृति एंव युवा विभाग से अलग होनेवाले खेल विभाग में पदाधिकारी व कर्मचारियों का बंटवारा भी किया जाना है. ऐसे में कला संस्कृति युवा एवं खेल विभाग में पूर्व से नियुक्त कर्मियों पदाधिकारी का बंटवारा होगा. पदाधिकारियों व कर्मचारियों का बंटवारा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित एक कमेटी द्वारा किया जायेगा.

खेलों के संरचना का विकास होगा

खेल विभाग के गठन के बाद बिहार में अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों के प्रशिक्षण और स्टेडियम सहित खेलों के संरचना का विकास होगा. साथ ही पूर्व से स्थापित संरचनाओं का देखभाल भी करेगा. खेलकूद के लिए विश्वविद्यालय के गठन के साथ खेलों के विकास में लगी संस्थाओं के निबंधन, विभाग के लिए कर्मियों की नियुक्ति नियोजन उनकी सेवा शर्तों का गठन भी खेल विभाग ही करेगा. खेल विभाग खिलाड़ियों के कल्याण संबंधित सभी कार्य करेगा.

ये होगा दायित्व

बिहार राज्य खेल प्राधिकरण का संचालन, सरकार के पदाधिकारियों व कर्मियों के लिए गठित खेल से संबंधित सभी संस्थाओं का संचालन, विभाग से संबंधित अधिनियमों का प्रशासनिक प्रभार, विभागीय भवनों का प्रशासनिक प्रभार, विभाग के तहत नियोजित पदाधिकारियों, कर्मचारियों की नियुक्ति का रेगूलेशन और उनकी सेवा शर्त का निर्धारण और प्रशासनिक नियंत्रण जैसे कार्यों का दायित्व होगा.

खेल विभाग के पहले निदेशक बने महेंद्र कुमार

राज्यपाल से खेल विभाग के गठन की मंजूरी मिलने के साथ ही राज्य सरकार ने विभाग के लिये पहले प्रधान सचिव और निदेशक की तैनाती कर दी है. सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव बी राजेंद्र को खेल विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है.वहीं साउथ बिहार पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के एमडी महेंद्र कुमार को खेल निदेशक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है.

कला संस्कृति एवं युवा विभाग के अधीन शेष कार्य

खेलों के विकास के लिए खेल विभाग बनने के बाद अब कला संस्कृति एवं युवा विभाग के पास जो कार्य शेष रह जाएंगे उसमें प्राचीन ऐतिहासिक स्मारक, अभिलेख, पुरातात्विक महत्व की इमारतों का संरक्षण उनका विकास, संग्रहालय की देखभाल उनका विकास, नृत्य कला मंदिर, ललित कला अकादमी, प्रेमचंद रंगशाला और संगीत नाटक अकादमी का प्रशासी नियंत्रण, विभाग से संबंधित अधिनियमों का प्रशासनिक प्रभार, विभागीय भवनों का प्रशासनिक प्रभार,राष्ट्रीय कैडेट कोर, एनएसएस में नियुक्त पदाधिकारी कर्मचारी की नियुक्ति सेवा शर्तों का निर्धारण एवं प्रशासनिक नियंत्रण और राज्य फिल्म विभाग एवं वित्त निगम के कार्यों का दायित्व होगा.

कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब अधिसूचना भी जारी

मुख्यमंत्री के एलान के बाद सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को सरकार ने स्वीकृति दे दी. कैबिनेट से स्वीकृति मिलने के बाद प्रस्ताव को राजभवन भेजा गया था, जहां राज्यपाल ने भी बिहार में नए खेल विभाग को अपनी मंजूरी दे दी है. इस नए खेल विभाग की के अधीन खेल-कूद के विकास से संबंधित कार्य, बिहार राज्य खेल प्राधिकरण, पदाधिकारियों और कर्मियों के लिए गठित खेल से संबंधित संस्थाएं समेत अन्य कार्य रहेंगे. माना जा रहा है कि अलग से खेल विभाग के गठन के बाद राज्य में स्पोर्ट्स को बढ़ावा मिल सकेगा.

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