पटना. बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर गुरुवार को पूरे भक्तिभाव से पटना के महावीर मंदिर में पूजा-अर्चना की. महामहिम ने पहले मनोकामना पूरन और दूखहरन हनुमानजी के दोनों विग्रहों को प्रणाम कर बिहारवासियों के सुख-समृद्धि, शान्ति और विकास की कामना की. फिर मन्दिर के पहले तल्ले पर स्थित शिवलिंग का रुद्राभिषेक किया और महादेव की आरती की. भक्तिभाव में डूबे राज्यपाल से मीडियाकर्मियों ने पूछा तो महामहिम ने कहा-‘ महावीर जी और शिवलिंग के दर्शन करने के लिए आ गया. बिहार की जनता और प्रदेश के सभी लोगों की सुख-समृद्धि, शान्ति और विकास के लिए भगवान से प्रार्थना की. उन्हें पूरा विश्वास है कि भगवान उनकी प्रार्थना सुनेंगे. बहुत प्रसन्नता से यहां से जा रहा हूँ…’.
इससे पूर्व बिहार के राज्यपाल की कमान संभालने के महीने भर बाद राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर गुरुवार को पटना के महावीर मन्दिर पहुंचे. अपराह्न साढ़े चार बजे महामहिम के महावीर मन्दिर पहुंचने पर आचार्य किशोर कुणाल ने गुलदस्ता भेंट कर उनका स्वागत किया. इसके उपरांत महामहिम ने अपनी पादूका उतारी और हाथ धोकर मन्दिर में प्रवेश किया. महावीर मन्दिर के गर्भगृह के सम्मुख पहुंचने पर उन्होंने बजरंगबली के दोनों विग्रहों के साथ-साथ राम दरबार के दर्शन किए और प्रार्थना की. महावीर मन्दिर के पुजारी आचार्य अवधेश दास ने महामहिम को चंदन-टीका किया और अंगवस्त्र भेंट किए. फिर भगवान के चरण-चिन्ह युक्त सटारी से आशीर्वाद दिया.
गर्भगृह के समीप स्थित शिवलिंग के दर्शन करते हुए राज्यपाल प्रथम तल स्थित शिशाबंद शिवलिंग के पास पहुंचे. वहां उन्होंने लगभग 40 मिनट तक गंगाजल, नारियल पानी, दूध, दही आदि से रुद्राभिषेक किया. फिर महादेव की आरती की. प्रथम तल पर स्थित शिवलिंग के निकट विराट रामायण मन्दिर की प्रतिकृति को राज्यपाल ने देखा. महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने महामहिम को बिहार के पूर्वी चंपारण में निर्माणाधीन विराट रामायण मन्दिर, अयोध्या में अनवरत चल रहे अन्नक्षेत्र राम-रसोई, राम मन्दिर निर्माण में महावीर मन्दिर के योगदान आदि के विषय में अवगत कराया. जाते समय उन्होंने राज्यपाल को महावीर मन्दिर प्रकाशन की पांच पुस्तकें भेंट की.