पटना. कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ अरलेकर ने कहा कि पांच वर्षों का समय किसी संस्था के लिए ज्यादा नहीं होता है. यदि बच्चों के बारे में सोचेंगे, तो यह संतुष्टि व आनंद देने वाला होता है. पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय ने साबित कर दिखाया है कि हम बच्चे जरूर हैं, लेकिन कच्चे नहीं है. वह रविवार को पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के प्रथम स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे.
राज्यपाल ने कहा कि इस विश्वविद्यालय ने कम समय में ही काफी बेहतर कार्य किया है. सत्र नियमित के साथ-साथ यहां के बच्चे शिक्षा, खेल व ललित कला में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्हें सम्मानित व पुरस्कृत करना हमारा कर्तव्य है. उन्होंने कुलपति प्रो आरके सिंह को आमंत्रण दिया कि वह सभी बच्चों के साथ कला का प्रदर्शन राजभवन में करें. वहां सम्मानित लोगाें के सामने कला का प्रदर्शन करेंगे. महामहिम के आमंत्रण को कुलपति ने सहर्ष स्वीकार भी किया.
राज्यपाल ने कहा कि संस्कृति, शिक्षा, अध्यात्म के विषय में यहां के विभूतियों ने हमें सीखाया है. उनके पद चिन्हों पर चलने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि शिक्षा समाज का आईना है. आज हम किस प्रकार की शिक्षा दे रहे है यह आने वाला समय बतायेगा. हमारे बच्चे क्या करते हैं, क्या सोचते हैं, क्या करना चाहते हैं, यह हमारी जिम्मेदारी है, उनकी नहीं.
एक संस्मरण को साझा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में एक कार्यक्रम में जाते समय हमारे एडीसी ने गुड पॉलिटिशियन को लेकर सवाल किया. तब हमने दो-तीन मिनट सोचने के बाद कहा कि ऐसा भी कुछ होता है क्या? गुड पॉलिटिशियन, गुड वकील, गुड सीए, गुड पुलिस होता है क्या? जब हम एक अच्छा इंसान बन जायेंगे, तब आप स्वत: गुड पाॅलिटिशियन, गुड वकील, गुड जज, गुड सीए व गुड पुलिस बन सकते हैं. बिहार बुद्ध की धरती है, महावीर के विचार है, महात्मा गांधी की कर्मभूमि है.
राज्यपाल ने कहा कि भारत शिक्षा के दम पर विश्व गुरु बनेगा. आगामी 25 वर्षों का समय अमृत काल है. 2047 में भारत सोने की चिड़ियां नहीं बनेगा, बल्कि सोने का शेर बनेगा. हम सोने की चिड़िया की चुचुआहट नहीं, बल्कि शेर की दहाड़ के साथ आगे बढ़ेंगे. हम बिहार के बच्चों के बेहतर भविष्य देने के लिए मंत्री के साथ हाथ बढ़ाकर आगे बढ़ेंगे. किसी के दबाव में नहीं आकर शिक्षा के लिए जो भी बेहतर होगा करेंगे.
शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर ने कहा कि शिक्षा जीवन का अमूल्य चीज है. ऐसे में सभी अभिभावक अपने बच्चों को शिक्षा देने में किसी प्रकार की कोताही नहीं बरतें. बच्चे अपने क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें और व्यक्ति, परिवार, समाज व राज्य के उत्थान में सहभागी बनें.
अतिथियों का स्वागत करते हुए कुलपति प्रो आरके सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय के दो कॉलेजों को नैक से ए ग्रेड, दो दर्जन से अधिक कॉलेजों को बी ग्रेड मिला है. विश्वविद्यालय के सभी कालेजों को नैक से मूल्यांकन कराने का निर्देश दिया गया है. शोध के क्षेत्र में लगातार बेहतर कार्य हो रहा है. एनआइटी पटना व यूके के लीड्स विश्वविद्यालय से एमओयू से शोध की गुणवत्ता में निखार लायेगा. विश्वविद्यालय का सत्र नियमित होने के कारण दूसरे क्षेत्र के छात्र यहां नामांकित हो रहे हैं. नामांकन 79 हजार से एक लाख 20 हजार तक पहुंच गया है. खेल व सांस्कृतिक गतिविधियों में भी विवि अव्वल है.