पटना. बिहार सरकार ने पुलिस विभाग में ग्रेडिंग की नयी व्यवस्था की है. इस ग्रेडिंग परीक्षा में दारोगा से एसपी तक को शामिल किया गया है. कहा जा रहा है कि राज्य में शराबबंदी को और प्रभावी बनाने के मकसद से यह ग्रेडिंग प्रणाली लागू की गयी है. इसी कारण शराब की ज्यादा से ज्यादा बरामदगी और शराब तस्करों को सख्त से सख्त सजा दिलानेवाले अधिकारी को सबसे अधिक अंक मिलेंगे.
100 अंको की इस परीक्षा ग्रेडिंग में कुल सात मानक निर्धारित किये गये हैं. तय सात मानकों में शराब की बरामदगी से लेकर उसे नष्ट करने, पुलिस जांच के तरीके और सजा दिलाने तक की मानीटरिंग की जाएगी. सबके लिए अलग-अलग नंबर निर्धारित किये गये हैं.
नंबर देने से पहले इसकी भी समीक्षा होगी कि हर महीने कितनी शराब की बरामदगी हुई है. कितने शराब तस्करों को गिरफ्तार किया गया है. उनकी चल-अचल सम्पत्ति और धन की बरामदगी भी आधार बनेगा. इसकी हर महीने मद्य निषेध विभाग के साथ बिहार पुलिस मुख्यालय के स्तर से मॉनिटरिंग होगी.
सात मानकों के आधार पर शराब तस्करों को सजा दिलाने पर भी अंक रखे गये हैं. सजा जितनी सख्त होगी, उतने ही अधिक नंबर अधिकारियों को मिलेंगे. यदि अपराधी को मौत की सजा मिलती है, तो पदाधिकारी को सर्वाधिक 15 नंबर मिलेंगे. सूत्रों की माने तो पुलिस मुख्यालय ने इससे सम्बन्धित आदेश जिलों को भेज दिया है.
बिहार में अब तक मद्य निषेध विभाग ही जिला स्तर पर शराब जब्ती और गिरफ्तारियों का डाटा तैयार करता था. अब यह डाटा थाना स्तर पर तैयार होगा. थाना स्तर से ही अब जिले की परफॉर्मेंस रिपोर्ट तैयार की जाएगी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एसपी के स्तर पर बनायी गयी इस रिपोर्ट की बिहार पुलिस मुख्यालय अपने स्तर से समीक्षा करेगा.
जिले का जैसा प्रदर्शन होगा उसी आधार पर एसपी को भी नंबर मिलेंगे. राज्य में मद्य निषेध विभाग ने एक दर्जन से अधिक स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप यानी एसओजी का भी गठन शराब की रोकथाम के लिए किया है. इसके अलावा शराब से जुड़ी शिकायतों और सुझावों के लिए विभाग ने टोल फ्री नंबर 15545 जारी किया है.
Posted by Ashish Jha