पटना जिले की 142 ग्राम पंचायतों को बनाया जाएगा स्वच्छ और स्मार्ट, मई में शुरू होगा काम, मिला एक्शन प्लान
पटना जिले के गांवों में प्रत्येक घरों सहित पंचायतों में सरकारी संस्थानों में शौचालय का उपयोग, घरों से सूखा व गीला कचरा अलग-अलग लेने के लिए दो-दो डस्टबीन देने व कचरा प्रबंधन के लिए प्रोसेसिंग यूनिट बनाने आदि पर काम किया जायेगा
पटना जिले में बचे हुए 142 ग्राम पंचायतों को स्वच्छ व स्मार्ट बनाने को लेकर मई के अंत तक काम शुरू होगा. लोहिया स्वच्छ अभियान के तहत 100 ग्राम पंचायतों से एक्शन प्लान मिल गया है. शेष 42 ग्राम पंचायतों को एक सप्ताह में एक्शन प्लान देने के लिए कहा गया है. ग्राम पंचायतों से दिये गये एक्शन प्लान के अनुसार काम होना है. गांवों में प्रत्येक घरों सहित पंचायतों में सरकारी संस्थानों में शौचालय का उपयोग, घरों से सूखा व गीला कचरा अलग-अलग लेने के लिए दो-दो डस्टबीन देने व कचरा प्रबंधन के लिए प्रोसेसिंग यूनिट बनाने आदि पर काम किया जायेगा सूत्र ने बताया कि इसके लिए वर्क ऑर्डर पर काम शुरू हो गया है. इन सबों पर लगभग 85 करोड़ खर्च होने का अनुमान है. पटना जिले में 167 ग्राम पंचायतों में पहले से काम हो रहा है. जिले में कुल 309 पंचायत हैं.
100 ग्राम पंचायतों से मिला एक्शन प्लान
गांवों को स्वच्छ व स्मार्ट बनाने के लिए ग्राम पंचायतों से एक्शन प्लान मांगा गया. इसमें 100 ग्राम पंचायतों से एक्शन प्लान मिल गया है. बची 42 ग्राम पंचायतों को एक सप्ताह में एक्शन प्लान जमा करने के लिए कहा गया है. एक्शन प्लान में ग्राम पंचायतों में घरों की संख्या, कचरा प्रोसेसिंग यूनिट के लिए जगह का चयन, गलियों में लाइट लगाने की संख्या, शौचालय आदि के बारे में जानकारी देनी है. इसके आधार पर ही ग्राम पंचायतों में काम होगा.
केंद्र व राज्य की है हिस्सेदारी
गांवों को स्वच्छ व स्मार्ट बनाने का काम केंद्र व राज्य को मिल कर करना है. इस पर होनेवाले खर्च की राशि में केंद्र व बिहार सरकार की हिस्सेदारी है. खर्च की राशि में केंद्र व राज्य सरकार का अनुपात 60:40 है. एक ग्राम पंचायत में होनेवाले काम पर लगभग 60 से 70 लाख खर्च होंगे. पटना जिले में 167 ग्राम पंचायतों में पहले से काम हो रहा है. इसमें प्रत्येक घरों से सूखा व गीला कचरा लेने के लिए दो-दो डस्टबीन दिये गये हैं. कचरा प्रोसेसिंग के लिए यूनिट लगाने का काम चयनित प्रखंडों में हो रहा है.