पटना जिले में ग्राम पंचायतों को बनाया जाएगा स्वच्छ, सुंदर व समृद्ध, कचरा प्रोसेसिंग के लिए बनेंगे यूनिट
गांवों को स्वच्छ, सुंदर व समृद्ध बनाने के लिए ग्राम पंचायतों से एक्शन प्लान मांगे गये हैं. 31 मार्च तक एक्शन प्लान देना है. ग्राम पंचायतों द्वारा दिये गये एक्शन प्लान के अनुसार काम होगा.
पटना जिले की बची हुई 142 ग्राम पंचायताें को स्वच्छ, सुंदर और समृद्ध बनाने के लिए अगले माह से काम शुरू होगा. ग्राम पंचायतों को ओडीएफ प्लस घोषित करने, घरों से कचरा कलेक्शन और सूखा व गीला कचरा की प्रोसेसिंग के स्तर पर काम होना है. इन कामों के लिए सभी ग्राम पंचायतों से एक्शन प्लान मांगा गया है. इस माह के अंत तक सभी ग्राम पंचायतों को एक्शन प्लान दे देना है, ताकि अगले माह अप्रैल से काम शुरू हो सके. गांवों में प्रत्येक घरों सहित पंचायतों में सरकारी संस्थानों में शौचालय का उपयोग, घरों से सूखा व गीला कचरा अलग-अलग लेने के लिए दो-दो डस्टबिन देने व कचरा प्रबंधन पर विशेष रूप से काम किया जायेगा. घरों से निकलने वाले गंदा पानी के बहाव की व्यवस्था के लिए नाले का निर्माण होगा.
ग्राम पंचायतों से मांगा गया एक्शन प्लान
गांवों को स्वच्छ, सुंदर व समृद्ध बनाने के लिए ग्राम पंचायतों से एक्शन प्लान मांगे गये हैं. 31 मार्च तक एक्शन प्लान देना है. ग्राम पंचायतों द्वारा दिये गये एक्शन प्लान के अनुसार काम होगा. प्लान में घरों की संख्या, कचरा प्रोसेसिंग के लिए यूनिट लगाने के लिए जगह का चयन, शौचालय की स्थिति आदि देनी है.
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत होना है काम
केंद्र सरकार की योजना स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण योजना के तहत गांवों को भी स्वच्छ व सुंदर बनाने की तैयारी है. इसमें बिहार सरकार का भी सहयोग है. ग्राम पंचायतों में होनेवाले खर्च की राशि में केंद्र व राज्य सरकार का अनुपात 60:40 है. सूत्र ने बताया कि एक ग्राम पंचायत में होनेवाले काम पर लगभग 80 लाख खर्च होंगे.
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166 ग्राम पंचायतों में हो रहा काम
जिले के 166 ग्राम पंचायतों में पहले से काम हो रहा है. इसमें प्रत्येक घरों से सूखा व गीला कचरा लेने के लिए दो-दो डस्टबिन दिये गये हैं.कचरा प्रोसेसिंग के लिए यूनिट लगाये गये हैं. प्लास्टिक कचरा के लिए प्रखंडों में यूनिट लगाये जा रहे हैं.