बिहार की तरह राष्ट्रीय स्तर पर भी महागठबंधन चाहते हैं दीपंकर भट्टाचार्य, कांग्रेस की भूमिका को लेकर कही ये बात

भाकपा माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि आज जब संविधान और लोकतंत्र की बुनियाद खतरे में है, तो सबको देश को बचाने के लिए बहुत निर्णायक लड़ाई लड़नी होगी और इसके लिए व्यापक एकजुटता कायम करनी होगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 18, 2023 6:45 PM

पटना. भाकपा माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि आज जब संविधान और लोकतंत्र की बुनियाद खतरे में है, तो सबको देश को बचाने के लिए बहुत निर्णायक लड़ाई लड़नी होगी और इसके लिए व्यापक एकजुटता कायम करनी होगी. शनिवार को पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में भाकपा माले के 11वें महाधिवेशन के तीसरे दिन संविधान बचाओ लोकतंत्र बचाओ देश बचाओ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय कन्वेंशन को संबोधित करते हुए दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि इस समय देश के लिए खतरा बड़ा है. संविधान को बचाना है. इससे निपटने के लिए और देश को इस संकट से निकालने के लिए, एक मजबूत एकता चाहिए उस एकता का संदेश इस सम्मेलन से गया है.

अच्छा लगा कि उनके सम्मेलन में मुख्यमंत्री आये

उन्होंने कहा कि बिहार में हम सभी एक साथ हैं. राष्ट्रीय स्तर पर भी एक महागठबंधन बने यह आज के इस कन्वेंशन से संदेश गया है. सब लोगों ने यही कहा है और उम्मीद की जा रही है कि राष्ट्रीय स्तर पर भी एक महागठबंधन बनेगा. दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि उनकी पार्टी ने विपक्षी एकजुटता की कोशिश की और उन्हें अच्छा लगा कि उनके सम्मेलन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव, सलमान खुर्शीद जैसे नेता पहुंचे. दक्षिण भारत से भी कई नेता पहुंचे. झारखंड में नए राज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह के कारण हेमंत सोरेन इस अधिवेशन में नहीं आ सके. लेकिन उन्होंने अपनी शुभकामना संदेश भेजी.

राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस बड़ी पार्टी

दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस बड़ी पार्टी है. ऐसे में राष्ट्रीय स्तर पर अगर कोशिश करनी है, तो उसमें निश्चित तौर पर कांग्रेस की बड़ी भूमिका होनी चाहिए. इसलिए जरूरी हो गया है तमाम पार्टियों की मीटिंग हो और एक महागठबंधन का निर्माण हो, जो राष्ट्रीय स्तर पर हो. इसके लिए जल्दी निर्णय लेने की आवश्यकता है, क्योंकि 2024 में समय अब काफी कम बच गया है. त्रिपुरा में चुनाव भी संपन्न हो चुका है और लोकसभा चुनाव के लिए अब एक साल से भी कम का वक्त है.


तिकड़म से तोड़ी शिवसेना 

महाराष्ट्र में चुनाव आयोग द्वारा शिंदे गुट को शिवसेना का सिंबल दिए जाने के सवाल पर दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि मुझे लगता है कि यह चुनाव आयोग का निर्णय है और हो सकता है यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक जाए. आखिरी फैसला महाराष्ट्र में जनता को करना है कि कौन असली शिवसेना है और जनता फैसला कर देगी. तिकड़म करके शिवसेना को तोड़ा गया है और तिकड़म करके उद्धव गुट से चुनाव निशान छीना गया है, लेकिन इससे कोई बड़ा फर्क नहीं पड़ेगा.

Next Article

Exit mobile version