पटना. मोहर्रम का महीना इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना होता है. ये महीना शिया और सुन्नी मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. जिले के मनेर में मुहर्रम को लेकर जुलूस व ताजिया निकाली गई. कर्बला में शहीद हुए इमाम हसन हुसैन की याद में ताजिया जुलूस निकाली गई. गाजे-बाजे के साथ जुलूस ताजिया निकाली गई. वहीं, इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात रही.
जिले के मनेर नगर में भव्य तरीके से इस्लामिक कैलेंडर की 10 वी तारीख मंगलवार को गाजे बाजे के साथ (अलम) जुलूस ताजिया के साथ निकली गई. इस दौरान प्रशासन के देखरेख में मनेर नगर के काजी मोहल्ला, हुद्दापर, चारहजार मोहल्ला सहित कई मोहल्ला से ताजिया व जुलूस निकाली गई, जिसमें सभी धर्म के लोग शामिल हुए. इस क्रम में जुलूस को पूरे नगर का भ्रमण कराया गया. वहीं, इस दौरान हसन या हुसैन गूंजमान रहा.
इस्लाम धर्म की मान्यताओं के अनुसार, करीब 1400 साल पहले अशुरा के दिन इमाम हुसैन का कर्बला की लड़ाई में सिर कलम कर दिया था और उनकी याद में इस दिन जुलूस और ताजिया निकालने की रिवायत है. अशुरा के दिन तैमूरी रिवायत को मानने वाले मुसलमान रोजा-नमाज के साथ इस दिन ताजियों-अखाड़ों को दफन या ठंडा कर शोक मनाते हैं.
आशूरा के दिन इस्लाम धर्म में शिया समुदाय के लोग ताजिया निकालते हैं और मातम मनाते हैं. इराक में हजरत इमाम हुसैन का मकबरा है, उसी मकबरे की तरह का ताजिया बनाया जाता है और जुलूस निकाला जाता है.