बिहार में कार्गो वाहनों को ड्रायपोर्ट तक पहुंचने के लिए बनेगा ग्रीन चैनल, हो रही है विशेष मार्गों की पहचान

सरकार की सोच है कि ट्रक और दूसरे वाहनों को समय पर ड्राय पोर्ट तक पहुंचाने की योजना है, ताकि औद्योगिक उत्पादों को समय पर पहुंचाया जा सके. हाल ही में बिहार में हुई ग्लोबल समिट में निवेश की संभावनाओं को देखते हुए यह रणनीति बनायी गयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 28, 2023 4:59 PM

पटना. राज्य सरकार आयात-निर्यात कार्गो वाहन की अनावश्यक देरी को रोकने के लिए ग्रीन चैनल की पहचान करने जा रही है. सरकार की सोच है कि ट्रक और दूसरे वाहनों को समय पर ड्राय पोर्ट तक पहुंचाने की योजना है, ताकि औद्योगिक उत्पादों को समय पर पहुंचाया जा सके. हाल ही में बिहार में हुई ग्लोबल समिट में निवेश की संभावनाओं को देखते हुए यह रणनीति बनायी गयी है. इस कवायद के लिए बिहार की लॉजिस्टिक पॉलिसी खासी मददगार साबित हो सकती है.

मिलेगी ये सुविधाएं

एक्जिम कार्गो के ग्रीन चैनल के विकास में इंडस्ट्रियल टर्मिनल, परिवहन क्षेत्र, राज्य मार्ग , एक्सप्रेस-वे, निवेश क्षेत्र और औद्योगिक गलियारों की पहचान की जायेगी. एक्जिम कार्गो चैनल में परिवहन क्षेत्रों और टर्मिनलों में मालवाहक वाहनों के लिए ले-बाय, कैंटीन और विश्राम गृह आदि की सुविधाएं भी दी जायेंगी. उद्योग विभाग ने इसके लिए जरूरी कवायदें शुरू कर दी हैं.

व्यापार बढ़ाने के लिए नयी रणनीति बना रहा बिहार

बिहार आयात-निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भारत-नेपाल के मोटर व्हीकल एग्रीमेंट से भी लाभ उठा सकता है. चारों तरफ भूमि से घिरे नेपाल के बगल में होने के कारण नेपाल के वीरगंज में कंटेनर डिपो (ड्राइपोर्ट ) जो रक्सौल शहर के 10 किलोमीटर से कम दूरी पर स्थित है. अंतरदेशीय बंगलादेश और भूटान सीमा से भी व्यापार बढ़ाने के लिए बिहार अपनी रणनीति बना रहा है. खास बात यह है कि सार्क कॉरीडोर-चार, भाग-वन और टू जो भारत, बंगलादेश, नेपाल, भूटान और म्यानमार से गुजरता है, बिहार को अंतरराष्ट्रीय बाजार उपलब्ध कराने का मजबूत माध्यम बना सकते हैं.

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बिहार में बनेंगे लॉजिस्टिक जोन

ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के साथ बिहार सरकार अपनी परिधि में आने वाले समर्पित लॉजिस्टिक क्षेत्र (डीएलजेड)को विकसित करने पर विशेष जोर देगी. राज्य सरकार ऐसे लॉजिस्टिक की पहचान करके जल्दी ही घोषणा करेगी. लॉजिस्टिक जोन के बीच कनेक्टिविटी स्थापित की जायेगी. इन क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे 24 गुणा 7 जल-बिजली की उपलब्धता,सड़कों, आदि सुविधाओं की उपलब्ध करायी जायेंगी.

आइसीडी का होगा विकास

साथ ही राज्य में अंतरदेशीय कंटेनर डिपो (आइसीडी) की स्थापना को प्रोत्साहित करेगी. सड़क / रेल / जल मार्ग गलियारों तक पहुंचने वाले फोर लेन और सिक्स लेन के नेटवर्क को आपस में जोड़ने के लिए सड़क आदि विकसित की जायेंगी. विभाग का मानना है कि अगर ऐसा होता है तो बिहार में निवेश करनेवाले उद्योगपतियों को बहुत सारी परेशानियों का समाधान हो जायेगा.

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