छत पर गमले में उगाइये फल-फूल व सब्जी, बिहार सरकार देगी पैसा, इन शहरों में शुरू हुई योजना
इस योजना के तहत जैविक फल, फूल व सब्जी का उत्पादन इन शहरों के लोग अपनी छतों पर कर सकेंगे. पटना में पटना सदर, फुलवारीशरीफ, दानापुर व खगौल के लोगों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा. इन शहरों के लोग ऑनलाइन आवेदन कर पौधे सहित 30 गमला प्राप्त कर सकेंगे.
पटना. छत पर बागवानी लगाने में सरकारी मदद की योजना पटना समेत गया, मुजफ्फरपुर व भागलपुर में भी चलेगी. इसके तहत जैविक फल, फूल व सब्जी का उत्पादन इन शहरों के लोग अपनी छतों पर कर सकेंगे. पटना में पटना सदर, फुलवारीशरीफ, दानापुर व खगौल के लोगों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा. इन शहरों के लोग ऑनलाइन आवेदन कर पौधे सहित 30 गमला प्राप्त कर सकेंगे.
30 गमलों पर खर्च होगी कुल 10 हजार राशि
पौधों सहित 30 गमलों पर कुल 10 हजार राशि खर्च होगी. इसमें लाभुक को ढाई हजार रुपये ही देना है. शेष 7500 रुपये सरकार अनुदान देगी. पौधों के लगाने के बाद सिंचाई, निकाई के लिए लाभुकों को माली की सेवा भी प्रदान की जायेगी. पंद्रह दिनों के अंतराल पर प्रतिमाह दो बार माली घर पर जायेंगे और सिंचाई, निकाई का कार्य करेंगे. कृषि विभाग की ओर से इस योजना की स्वीकृति दे दी गयी है. चारों शहरों में इस योजना के क्रियान्वयन के लिए चार करोड़ 83 लाख 75 हजार रुपये खर्च होंगे.
अभी 300 वर्गफुट की छत के लिए योजना
सरकारी और गैर सरकारी संगठनों को इस योजना का लाभ नहीं देने का निर्देश दिया गया है. योजना के तहत वह लोग भी बागवानी कर सकेंगे जिनके घर की छत मात्र 100 वर्गफुट की है. अभी 300 वर्गफुट की छत के लिए योजना है. इसमें इकाई पर 50 हजार रुपये खर्च आता है. लाभुक पहले 25 हजार रुपये जमा करता है. इसके बाद सरकार 25 हजार रुपये और जोड़कर एजेंसी 50 हजार रुपये देती है. यह एजेंसी ही छत पर पूरा सेटअप तैयार कर देती है.
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करें ऑनलाइन आवेदन
इस योजना के लिए उद्यान निदेशालय में केवल ऑनलाइन आवेदन करना होता है. आने वाले दिनों में 100 -200 वर्गफुट की छत वाले भी इसका लाभ ले सकेंगे. उद्यान निदेशालय ने जो प्लान बनाया है उसमें राशि अनुपातिक रूप से कम कर दी जायेगी. पटना, मुजफ्फरपुर भागलपुर, बिहारशरीफ, गया में बागवानी की 1380 इकाई लगानी हैं. अभी तक इन शहरों में 47 इकाइयां हैं.
पटना, नालंदा और गया में खोली जायेगी चारा नर्सरी
पशुओं को हरे चारे की किल्लत न हो इसके लिए सरकार राज्य के दस प्रखंडों में चारा नर्सरी खोलने जा रही है. हरा चारा उत्पादन करने, नर्सरी एवं हरा चारा की सुरक्षा के लिए संविदा सेवाएं मद में स्वीकृत राशि पर आउटसोर्सिंग के आधार पर जिला पशुपालन पदाधिकारी द्वारा कर्मियों की सेवाएं ली जायेंगी. राज्य में पशुधन की संख्या करीब 365.4 लाख है.
दो- दो एकड़ में खुलेगी हरे चारे की नर्सरी
पशुपालकों को चारा महंगा न लेना पड़े इसके लिए नालंदा जिले के हरनौत, इस्लामपुर व अस्थावां,गया के अतरी-डुमरिया तथा पटना जिले में दानापुर, नौबतपुर, पालीगंज, पुनपुन और बिक्रम प्रखंड में दो- दो एकड़ में हरे चारे की नर्सरी खोली जा रही रही है. पशुपालन विभाग इन नर्सरी के आसपास के क्षेत्र के लोगों को हरे चारे से होने वाले लाभ से अवगत करायेगा.