GST: टैक्स देने में बिहार नंबर वन, फरवरी-22 की तुलना में फरवरी 23 में 24% अधिक जीएसटी हुआ संग्रह
GST: देश के साथ-साथ बिहार की अर्थव्यवस्था भी पटरी पर आ गयी है. इस कारण से जीएसटी संग्रह में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. फरवरी- 2022 की तुलना में फरवरी 2023 में 149577 करोड़ रुपये का जीएसटी राजस्व हुआ.
GST: देश के साथ-साथ बिहार की अर्थव्यवस्था भी पटरी पर आ गयी है. इस कारण से जीएसटी संग्रह में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. फरवरी- 2022 की तुलना में फरवरी 2023 में 149577 करोड़ रुपये का जीएसटी राजस्व हुआ, जो कि पिछले वर्ष इसी अवधि के जीएसटी संग्रह से 12% अधिक है, जबकि इस अवधि में बिहार में 24% अधिक जीएसटी संग्रह हुआ. यह देश की तुलना में लगभग दोगुना है. फीसदी के टर्म में यह देश के बड़े राज्यों में सबसे अधिक है. पड़ोसी राज्यों में भी बिहार की तुलना में कम राजस्व संग्रह हुआ है. बिहार के जीएसटी संग्रह में यह वृद्धि पिछले दिनों वाणिज्य कर विभाग द्वारा की गयी कार्रवाई का नतीजा है. पिछले दिनों जीएसटी काउंसिल की नयी दिल्ली में हुई 49वीं बैठक में टैक्स संग्रह में बढ़ोतरी पर चर्चा हुई थी.
20 लाख तक कारोबार करने वालों को पंजीयन से छूट
जीएसटी के तहत 20 लाख रुपये तक कारोबार करने वालों को पंजीयन से छूट दी गयी है, लेकिन इस राशि से कम का कारोबार करने वाले ऐसे लोग जो राज्य के बाहर या तो वस्तु भेजते हैं या मंगाते हैं, उन्हें अनिवार्य रूप से पंजीयन करवाना होगा. इन व्यवसायियों के ट्रैकिंग के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और बिजनेस इंटेलीजेंस जैसे टूल्स का इस्तेमाल किया जा रहा है. बिहार में इन दोनों विषयों पर पहले से काम चल रहा है. एक आकलन के अनुसार बिहार में सालाना करीब 100 करोड़ की टैक्स चोरी का अनुमान है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर ये आंकड़ा बढ़ कर 10 हजार करोड़ से अधिक का हो जाता है.
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छोटे कारोबारियों को भी जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार
कर चोरी पर अंकुश को लेकर गहन मंथन हुआ था. साथ ही करदाताओं का दायरा बढ़ाने की रणनीति भी बनी थी. इसके लिए राज्यों के छोटे कारोबारियों को भी जीएसटी के दायरे में लाने को कहा गया है. इसके तहत उन व्यवसायियों को जीएसटी के तहत लाने की तैयारी है, जिन्हें अब तक छूट दी जा रही थी.