सुधा दही पर 5 के बदले 20 फीसदी तक वसूला जा रहा जीएसटी, कीमत कम करने पर आज होगा विचार
पहली बार दूध से बने पैक्ड प्रोडक्ट्स को जीएसटी के दायरे में शामिल किया गया है. ऐसे में दूध उत्पाद तैयार करने वाली कई कंपनियों ने अपने उत्पादों को महंगा कर दिया है.कॉम्फेड ने भी सुधा के दही, लस्सी, छाछ, बटर व घी की कीमतों में 18 जुलाई के प्रभाव से इजाफा किया है.
सुबोध कुमार नंदन, पटना. पहली बार दूध से बने पैक्ड प्रोडक्ट्स को जीएसटी के दायरे में शामिल किया गया है. ऐसे में दूध उत्पाद तैयार करने वाली कई कंपनियों ने अपने उत्पादों को महंगा कर दिया है. बिहार स्टेट मिल्क को-ऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड (कॉम्फेड) ने भी सुधा के दही, लस्सी, छाछ, बटर व घी की कीमतों में 18 जुलाई के प्रभाव से इजाफा किया है.
दही की कीमत 20 फीसदी तक बढ़ी
हैरानी वाली बात है कि कॉम्फेड ने दही की कीमत 20 फीसदी तक बढ़ा दी है, जबकि सरकार ने पैक्ड दूध उत्पादों पर पांच फीसदी ही जीएसटी निर्धारित किया है. इसके कारण आम उपभोक्ताओं में भ्रम की स्थिति पैदा हो गयी है और सुधा बूथ व उसके रिटेल काउंटरों पर आये दिन ग्राहकों और दुकानदारों के बीच वाद-विवाद हो रहे हैं.
दाम कम होने की उम्मीद
इधर इस संबंध में कॉम्फेड के महाप्रबंधक आरके मिश्रा ने बताया कि कीमतों में संशोधन को लेकर सोमवार को समिति की बैठक होने वाली है. उम्मीद है कि वर्तमान कीमत को पांच फीसदी के दायरे में आ जायेगा. लोगों को इससे राहत मिलेगी. सावन के मौसम में दही के दाम बढ़ने से लोग खासे परेशान है.
25 रुपये से बढ़ाकर 30 रुपये कर दिया गया
मिली जानकारी के अनुसार सुधा के 200 ग्राम प्लेन दही की कीमत 25 रुपये से बढ़ाकर 30 रुपये कर दिया गया है. जबकि पांच फीसदी जीएसटी के बाद इसकी कीमत 26.25 रुपये होनी चाहिए थी. इसी 400 ग्राम प्लेन दही की कीमत 45 रुपये से बढ़ाकर 50 रुपये कर दी गयी है, जबकि जीएसटी लगने के बाद इसकी कीमत 47.50 रुपये होनी चाहिए थी.
105 रुपये से बढ़ाकर 115 रुपये कर दी गयी
एक किलो प्लेन दही की कीमत 105 रुपये से बढ़ाकर 115 रुपये कर दी गयी है, जबकि इसकी कीमत 110.45 रुपये होनी चाहिए थी़ इसी तरह पांच किलो प्लेन दही की कीमत 475 रुपये से बढ़ाकर 525 रुपये कर दी गयी, जबकि पांच फीसदी जीएसटी के लिहाज से इसकी कीमत 498.75 रुपये होनी चाहिए थी. इसी तरह एक किलो पाउच स्मार्ट की कीमत 65 रुपये से बढ़ाकर 72 रुपये हो गयी है. इस तरह 3.75 रुपये अधिक कीमत वसूली जा रही है.