बड़ी राहत: GSTR-9 को अब स्वयं प्रमाणित कर पाएंगे, जानिए आपको कैसे मिलेगा लाभ
GSTR-9 सी फॉर्म को लेकर सरकार के द्वारा कारोबारियों को बड़ी राहत दी गयी है. पांच करोड़ रुपये से अधिक के टर्नओवर वाले कारोबारियों को जीएसटीआर-9 सी फॉर्म फाइल करना होता है. पहले इस फॉर्म को चार्टर्ड अकाउंटेंट से प्रमाणित कराना होता था, लेकिन अब कारोबारी स्वयं ही इसे प्रमाणित कर सकते हैं.
GSTR-9 सी फॉर्म को लेकर सरकार के द्वारा कारोबारियों को बड़ी राहत दी गयी है. पांच करोड़ रुपये से अधिक के टर्नओवर वाले कारोबारियों को जीएसटीआर-9 सी फॉर्म फाइल करना होता है. पहले इस फॉर्म को चार्टर्ड अकाउंटेंट से प्रमाणित कराना होता था, लेकिन अब कारोबारी स्वयं ही इसे प्रमाणित कर सकते हैं. इससे कारोबारियों को बड़ी राहत मिलेगी. गौरतलब है कि जीएसटी के लागू करने के बाद से इसे व्यापारियों के लिए आसान बनाने के लिए लगातार बड़े स्तर पर बदलाव किए जा रहे हैं. हालांकि, अब इनपुट टैक्स क्रेडिट को अलग-अलग दिखाना अनिवार्य कर दिया गया है.
जीएसटीआर-9 और जीएसटीआर-9सी ऑडिट के नये बदलावों के संबंध में वरीय चार्टर्ड अकाउंटेंट राजेश खेतान ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 का जीएसटीआर-9 वार्षिक रिटर्न 31 दिसंबर तक फाइल करना है. ये अब उन्हीं करदाताओं को जमा करना है जिनका कुल टर्नओवर दो करोड़ रुपये से अधिक है. अब दो करोड़ से नीचे टर्नओवर वालों को इसे जमा नहीं करना है. जीएसटीआर-9 के फॉर्म की टेबल फाइव -डी और फाइव- इ में पहले टैक्स फ्री सप्लाइ और निल रेट सप्लाइ को अलग-अलग दिखाना होता था, पर अब इन्हें एक साथ टोटल करके फाइव डी टेबल में दिखाया जा सकता है. फाइव एफ टेबल में नॉन जीएसटी सप्लाइ जिन पर नहीं लगता, इस टेबल को दिखाना अनिवार्य कर दिया गया है.
खेतान ने बताया कि टेबल 6 सी में गैर निबंधित डीलर से माल खरीदने पर ,जो जीएसटी का पेमेंट रिवर्स चार्ज किया जाता है, उससे संबंधित आइटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) को अलग-अलग दिखाना अनिवार्य कर दिया गया है. टेबल 17 में सेल की एचएसएन कोड जिनका टर्नओवर पांच करोड़ से अधिक है उनके लिए छह अंक का एचएसएन कोड डालना अनिवार्य कर दिया गया है. जिन कारोबारियों का टर्नओवर पांच करोड़ रुपये तक है उन्हें चार अंक का एचएसएन कोड डालना होगा.