बिहार के 22 जिलों में अतिथि शिक्षकों को नहीं मिला है पारिश्रमिक, डीइओ से मांगा गया स्पष्टीकरण, मिले ये आदेश
शिक्षा विभाग की तरफ से समुचित राशि मुहैया कराने के बाद भी 22 जिलों के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में पढ़ा रहे हजारों अतिथि शिक्षकों की पारिश्रमिक राशि का अब तक भुगतान नहीं किया गया है.
पटना. शिक्षा विभाग की तरफ से समुचित राशि मुहैया कराने के बाद भी 22 जिलों के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में पढ़ा रहे हजारों अतिथि शिक्षकों की पारिश्रमिक राशि का अब तक भुगतान नहीं किया गया है.
माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने इसे जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों की बड़ी लापरवाही माना है. उनसे स्पष्टीकरण भी मांगा है.
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने इस पर गहरा असंतोष व्यक्त करते हुए जवाबदेह अफसरों को दो टूक आदेश दिये हैं कि अतिथि शिक्षकों के लंबित पारिश्रमिक का भुगतान एक सप्ताह के अंदर किया जाये.
यह समूची राशि वित्तीय वर्ष 2020-21 के दरम्यान की है. उल्लेखनीय है कि पारिश्रमिक राशि न मिलने से अतिथि शिक्षकों की माली हालत बेहद खराब है. इस संदर्भ में तमाम सूचनाएं आने के बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने यह आदेश जारी किया है.
चार से आठ माह का लंबित है पारिश्रमिक
आधिकारिक तौर पर मिली जानकारी के मुताबिक कैमूर ,जहानाबाद, गया, शिवहर, वैशाली, पश्चिमी चंपारण,सारण, सीवान, गोपालगंज, समस्तीपुर, किशनगंज , बांका, मुंगेर एवं खगड़िया के उच्च माध्यमिक स्कूलों के अतिथि शिक्षकों को केवल जुलाई तक, अररिया में अगस्त तक, पूर्वी चंपारण, मधुबनी एवं भागलपुर के अतिथि शिक्षकों को सितंबर तक , कटिहार के अतिथि शिक्षकों को अक्तूबर तक, पटना, दरभंगा व पूर्णिया के अतिथि शिक्षकों को केवल नवंबर तक का पारिश्रमिक दिया गया है.
इस तरह वित्तीय एवं शैक्षणिक वर्ष 2020-21 में चार से आठ माह तक का पारिश्रमिक का भुगतान लंबित है. इस संदर्भ में उल्लेखनीय तथ्य यह है कि इससे पहले भी एक बार उच्चाधिकारियों ने पत्र लिख कर जिला शिक्षा पदाधिकारियों को अतिथि शिक्षकों के लंबित वेतन को निकालने के लिए कहा था, लेकिन उनके कान पर जूं तक नहीं रेंगी.
Posted by Ashish Jha