औरंगाबाद के नवीनगर थर्मल की बिजली से रोशन हो रहे गुजरात समेत 7 राज्य, जानें बिहार को मिल रही कितनी बिजली

एनटीपीसी नवीनगर एक सुपर क्रिटिकल प्लांट है, जिसमें उच्च दक्षता वाली मशीनें है. इस कारण बिजली उत्पादन में वृद्धि हुई और साथ ही कोयले की खपत कम हुई. कम कोयले की खपत की वजह से बिजली सस्ती तैयार हो रही है.

By Ashish Jha | September 13, 2023 8:24 PM
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औरंगाबाद. एनटीपीसी नवीनगर की बिजली से पूरा बिहार रोशन हो रहा है. यहां उत्पादित बिजली का लगभग 85 फीसदी हिस्सा प्रदेश को मिल रहा है. वह भी सबसे सस्ती दर पर. हालांकि, देश के अन्य राज्यों को भी नवीनगर एनटीपीसी से बिजली मुहैया करायी जा रही है. वर्तमान में दो रुपये 41 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से एनटीपीसी से बिहार सरकार को बिजली मिल रही है. बड़ी बात यह है कि बिहार में संचालित एनटीपीसी की सभी परियोजनाओं की तुलना में एनटीपीसी नवीनगर सर्वाधिक बिजली का उत्पादन कर बिहार को रोशन कर रही है.

नवीनगर से इन राज्यों को मिल रही बिजली

  1. बिहार-1640 मेगावाट

  2. उत्तर प्रदेश-226 मेगावाट

  3. गुजरात-50.5 मेगावाट

  4. झारखंड-34 मेगावाट

  5. ओड़िशा-15.6 मेगावाट

  6. सिक्किम-3.6 मेगावाट

  7. पश्चिम बंगाल-10.8 मेगावाट

राष्ट्र के विकास में एनटीपीसी का अहम योगदान

बुधवार को एनटीपीसी नवीनगर के सीजीएम चंदन कुमार सामंता ने प्रेस वार्ता में बताया कि कोयले के निर्यात में कमी व मांग बढ़ने के बावजूद एनटीपीसी नवीनगर से सबसे सस्ती दर पर बिहार सरकार को निरंतर बिजली मिल रही है. यह उपलब्धि है. सीजीएम ने कहा कि राष्ट्र के विकास में एनटीपीसी का अहम योगदान है. देश में बिजली मामलों में एनटीपीसी ने कई बार निर्णायक भूमिका निभायी. बिहार के परिप्रेक्ष में इस वर्ष बिजली की मांग में रिकॉर्ड दर्ज किया गया. उन्होंने कहा कि अमूमन अप्रैल-मई महीने में सबसे अधिक बिजली की मांग होती है. लेकिन, इस वर्ष जुलाई में रिकॉर्ड 7000 मेगावाट की मांग बिहार से आयी. औसतन यह मांग 4000 मेगावाट तक की रहती है. ऐसे में प्रदेश में निर्बाध बिजली मुहैया कराने में एनटीपीसी ने अहम् योगदान दिया.

सबसे सस्ती दर पर एनटीपीसी नवीनगर से बिहार को मिल रही बिजली

सीजीएम ने बताया कि एनटीपीसी नवीनगर एक सुपर क्रिटिकल प्लांट है, जिसमें उच्च दक्षता वाली मशीनें है. इस कारण बिजली उत्पादन में वृद्धि हुई और साथ ही कोयले की खपत कम हुई. कम कोयले की खपत की वजह से बिजली सस्ती तैयार हो रही है. पिछले वर्ष की तुलना में बिजली दर सस्ती हुई है. पिछले साल लगभग दो रुपये 78 पैसे की दर से बिजली बिहार सरकार को मुहैया करायी जा रही थी. जबकि, वर्तमान में दो रुपये 41 पैसे की दर से मुहैया करायी जा रही है. कार्यक्रम का संचालन एजीएम आभा त्रिपाठी पांडेय ने किया. मौके पर महाप्रबंधक एके पपनेजा, आरपी अग्रवाल, एके त्रिपाठी समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे.

हर साल बढ़ रहा बिजली उत्पादन का लक्ष्य

सीजीएम ने बताया कि प्रत्येक साल एनटीपीसी द्वारा प्रस्तावित बिजली उत्पादन के लक्ष्य में बढ़ोतरी की जा रही है. वर्ष 19-20 में 2564.94 मिलियन यूनिट का लक्ष्य एनटीपीसी नवीनगर को दिया गया था. जबकि, वर्ष 20-21 में 4639.69, वर्ष 21-22 में 7921.50 मिलियन यूनिट, वर्ष 22-23 में 12858.23 मिलियन यूनिट तो वहीं वर्तमान वित्तीय वर्ष 23-24 में 12858.23 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन का लक्ष्य दिया गया है. सीजीएम ने बताया कि वर्ष 23-24 में प्लांट पर 90 प्रतिशत तक लोड दिया गया. पिछले वर्ष यह लोड 78.51 प्रतिशत था. उन्होंने बताया कि एनटीपीसी नवीनगर के रेलवे कॉरिडोर के माध्यम से भारतीय रेल को प्रतिदिन एक करोड़ से अधिक का लाभ हो रहा है. सालाना 350 करोड़ रुपयों से अधिक का लाभ भारतीय रेलवे को हो रहा है.

प्रतिदिन 28 हजार टन कोयले की खपत, एक हफ्ते का स्टॉक

एनटीपीसी नवीनगर के पास एक सप्ताह तक का अतिरिक्त कोयला है. प्रतिदिन प्लांट के संचालन में 28 हजार टन कोयले की खपत होती है. अभी एनटीपीसी नवीनगर के पास 1.5 लाख टन संरक्षित है. जबकि, प्रतिदिन सीसीएल, बीसीसीएल समेत अन्य निजी कंपनियों से भी एनटीपीसी कोयला लेती है. इन माध्यमों से औसतन 25 से 30 हजार टन कोयला प्रतिदिन प्राप्त होता है. सीजीएम ने बताया कि वर्तमान में कोयले की किल्लत है. इसके बावजूद हम निर्बाध बिजली उत्पादन के लिए प्रयत्नशील हैं.

सुरक्षा मानक के तहत 1.47 लाख हुआ पौधारोपण

प्लांट का संचालन वातावरण को ध्यान में रख कर किया जाता रहा है. आवश्यक मानकों को पूरा करते हुए बिजली उत्पादन का कार्य किया जाता है. सीजीएम ने बताया कि उच्च दक्षता वाली मशीनों की वजह से वातावरण में कार्बन का फैलाव कम होता है, जो कि वातावरण के लिए अच्छी बात है. 2023 में प्लैटिनम श्रेणी में एनटीपीसी नवीनगर को ग्लोबल एंवायरनमेंट अवार्ड से नवाजा गया. एनटीपीसी नवीनगर द्वारा वर्तमान वर्ष में एक लाख 25 हजार पौधों को लगाने का लक्ष्य रखा गया था. इस लक्ष्य से अधिक एनटीपीसी द्वारा अब तक एक लाख 47 हजार से अधिक पौधारोपण किया गया है. 20 हजार अतिरिक्त पौधारोपण किया जायेगा. सुरक्षा मानकों पर चर्चा करते हुए बताया कि एनटीपीसी नवीनगर को ग्रीनटेक सेफ्टी अवार्ड दिया गया है. यह सुरक्षा मानकों के तहत बेहतर प्रदर्शन करने वाली संस्थाओं को दी जाती है. समय-समय पर कर्मचारियों से लेकर श्रमिकों का चिकित्सा परीक्षण तथा सुरक्षा प्रशिक्षण करवाया जाता है.

2019 में पहली यूनिट से शुरू हुआ था उत्पादन

परियोजना की पहली यूनिट से छह सितंबर 2019 से बिजली उत्पादन शुरू हुआ था. इसके बाद 23 जुलाई 2021 को दूसरी यूनिट तथा एक जून 2022 को आखिरी व तीसरी इकाई से वाणिज्यिक बिजली उत्पादन शुरू हुआ था. नवीनगर प्रखंड में स्थापित यह परियोजना 2972 एकड़ में फैला है. एनटीपीसी नवीनगर में 660 मेगावाट की तीनों इकाइयों से 1980 मेगावाट बिजली का वाणिज्यिक उत्पादन हो रहा है. कोयला आधारित इस बिजली परियोजना के उत्पादन का 85 प्रतिशत बिजली यानी 1640 मेगावाट बिजली प्रतिदिन बिहार राज्य को दी जा रही है.

2007 में रखी गयी थी एनटीपीसी की नींव

एनटीपीसी की नींव 2007 में रखी गयी थी. इसके बाद 2008 में एनटीपीसी व बिहार सरकार की संयुक्त उपक्रम एनपीजीसीपीएल बनी. 660 मेगावाट की तीन यूनिट के लिए प्रस्तावित इस परियोजना का जीरो डेट 31 जनवरी 2013 को माना गया. यानी इसी दिन परियोजना का निर्माण हुआ. 2018 में बिहार सरकार से अलग होकर एनपीजीसीपीएल, एनटीपीसी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी बनी और फिर 2019 में एनपीजीसीपीएल प्राइवेट लिमिटेड से लिमिटेड बनी.

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