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तेजस्वी यादव के खिलाफ मानहानि मामले में गुजरात कोर्ट ने समन जारी करने पर फैसला रखा सुरक्षित, इस दिन आएगा फैसला

गुजरात के कोर्ट में तेजस्वी यादव के खिलाफ चल रहे मानहानि मामले में कोर्ट ने समान जारी करने को लेकर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट अब इस मामले में अपना आदेश इस महीने के आखिरी सप्ताह में सुनाएगी.

बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर गुजरात के अहमदबाद की एक मेट्रोपोलिटन अदालत ने आपराधिक मानहानि का मामला चल रहा है. जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने तेजस्वी यादव को समन जारी करने पर इस महीने के आखिरी सप्ताह के लिए अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है. मंगलवार को अतिरिक्त मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट डीजे परमार की अदालत ने कहा कि 28 अगस्त को वह इस मामले पर आदेश पारित करेगी कि क्या तेजस्वी यादव के खिलाफ आपराधिक मानहानि के लिए भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की धारा 499 और 500 के तहत दर्ज मामले में उन्हें समन जारी किया जाए या नहीं.

अदालत ने फैसला रखा सुरक्षित

मेट्रोपोलिटन अदालत ने तेजस्वी यादव के इस केस के मामले में सीआरपीसी की धारा 202 के तहत जांच की प्रक्रिया पूरी करने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है, ताकि यह तय किया जा सके कि अहमदाबाद के सामाजिक कार्यकर्ता व कारोबारी हरेश मेहता द्वारा दायर की गई शिकायत के आधार पर बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को समन जारी किया जाए या नहीं.

क्या कहा था तेजस्वी यादव ने

शिकायतकर्ता 63 वर्षीय हरेश मेहता ने पटना में 21 मार्च को पत्रकरों से बात करने के दौरान तेजस्वी यादव द्वारा कही गई बातों के सबूत के साथ अदालत में अपनी शिकायत दर्ज करायी थी. हरेश मेहता के मुताबिक तेजस्वी ने पटना में कहा था कि मौजूदा स्थिति में केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं, और उनकी धोखाधड़ी (अपराध) माफ कर दी जायेगी. अगर भारतीय जीवन बीमा निगम और बैंक का पैसा लेने के बाद वे भाग गए तो कौन जिम्मेदार होगा?’

तेजस्वी यादव के लिए अधिकतम सजा की मांग

शिकायतकर्ता ने कहा कि तेजस्वी यादव द्वारा बयान सार्वजनिक रूप से दिया गया है और पूरे गुजराती समुदाय को ”ठग” कहना सार्वजनिक रूप से सभी गुजरातियों को बदनाम और अपमानित करता है. हरेश मेहता ने राजद नेता के खिलाफ अधिकतम सजा की मांग करते हुए कहा कि ”ठग” एक दुष्ट, धूर्त और आपराधिक व्यक्ति होता है, और पूरे समुदाय के लिए ऐसे शब्द का इस्तेमाल करने से गैर-गुजराती लोग गुजरातियों को संदेह की दृष्टि से देखेंगे.

गुजरात की कोर्ट ने राहुल गांधी को मानहानि मामले में सुनाई थी दो साल की सजा

गुजरात की ही एक अदालत ने मोदी उपनाम टिप्पणी पर मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी. जिसके बाद लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत राहुल गांधी को दो साल की अधिकतम सजा सुनाई गई थी. इसी कारण से राहुल गांधी को संसद सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था. हालांकि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई चलने तक राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी है. जिसके बाद उनकी सांसदी फिर से बहाल हो गई है.

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अरविंद केजरीवाल को समन

इधर, अहमदाबाद की एक अदालत ने आपराधिक मानहानि मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजय सिंह को भी समन जारी कर उन्हें 11 अगस्त को उपस्थित रहने का आदेश दिया है. गुजरात विश्वविद्यालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शैक्षणिक डिग्री पर सवाल करने के मामले में आप नेताओं के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है. अब इसी मामले में कोर्ट ने समान जारी किया है.

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