बिहार का ‘गुंडा बैंक’ क्या है? हकीकत जानकर कांप जाएगी रूह, Income Tax व EOU की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी

बिहार में इन दिनों गुंडा बैंक को लेकर ताबड़तोड़ कार्रवाई की जा रही है. भागलपुर में भी रेड मारा गया. इस गुंडा बैंक की हकीकत जानकर आपके रूह कांप जाएंगे. पटना हाईकोर्ट ने इसमें जांच व कार्रवाई के निर्देश दिये हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 30, 2022 3:40 PM

बिहार में इन दिनों गुंडा बैंक की चर्चा जोरों पर है. सीमांचल व अंग क्षेत्र में इसके खिलाफ कार्रवाई की हलचल इन दिनों अधिक है. भागलपुर में पिछले दिनों इनकम टैक्स की टीम ने आज तक की सबसे बड़ी छापेमारी की. 13 लोग आयकर विभाग के रडार पर चढ़े जिसमें भागलपुर के निवर्तमान डिप्टी मेयर राजेश वर्मा भी शामिल हैं. लगातार चार दिनों तक आयकर की टीम ने छापेमारी की और इसके ठीक बाद अब ईओयू की जांच शुरू है. जानते हैं क्या है गुंडा बैंक और क्यों इसे लेकर मची है इतनी खलबली…

मासूम बेटे के साथ पति-पत्नी ने दी थी जान

पटना हाइकोर्ट ने एक मामले की सुनवाइ के दौरान एडीजी की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन करने का निर्देश दिया. ये मामला उसी गुंडा बैंक से जुड़ा था जिसकी आज चर्चा हो रही है. दरअसल, कटिहार जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र में वर्ष 2020 में एक ही परिवार के तीन लोगों ने अपनी जिंदगी समाप्त कर ली. परिवार के मुखिया मनीष ठाकुर(42) ने पहले तीन वर्षीय पुत्र सम्राट को जहर खिलाकर मारा और उसके बाद अपनी पत्नी मोना के साथ खुद फंदे से लटककर अपनी जिंदगी खत्म कर ली.

सूद के पैसे ने मनीष का जीना किया दुश्वार

मनीष ने अपने व्यवसाय के लिए एक बड़ी चूक की और उसी में उलझता चला गया. मनीष ने सूद पर पैसे उठा लिये लेकिन उसे चुकाने में लाचार होने लगा. सूदखोरों का कड़ा तगादा एवं ब्याज दर के कारण वह बेहद परेशान रहने लगा. कई बार सूदखोरो ने उसके साथ मारपीट व पत्नी से अभद्रता भी की थी. गुंडा बैंक की धमकियों से उसे तथा उसकी पत्नी को प्रताड़ित व जलील होना पड़ता था. अंत में परेशान होकर उसने एक पेपर पर सारी हकीकत लिखकर बच्चे व पत्नी के साथ जिंदगी को ही समाप्त कर लिया.

Also Read: IT Raid: भागलपुर में पूर्व डिप्टी मेयर समेत 13 लोगों की परेशानी बढ़ेगी?10 करोड़ की बेनामी संपत्ति और मिली
एडीजी के नेतृत्व में बनी एसआइटी, ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी

पटना हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान इसे गंभीरता से लिया और जांच व उसके बाद कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिये. एडीजी कमल किशोर के नेतृत्व में इसकी जांच के लिए टीम बनी है. सीमांचल से शुरू हुई ये जांच अब भागलपुर और झारखंड के गोड्डा तक पहुंची है. भागलपुर में हाल में ही इनकम टैक्स की 250 अधिकारियों वाली 25 टीम अचानक सेंट्रल फोर्स के साथ पहुंची और ताबड़तोड़ कार्रवाई की है.

कई संदिग्धों के खिलाफ जांच जारी

गलत तरीके से पैसे को सूद पर लगाने और बदले में जबरन संपत्ति तक लिखवा लेने वाले कई संदिग्धों के खिलाफ जांच जारी है. भागलपुर के निवर्तमान डिप्टी मेयर राजेश वर्मा भी इनकम टैक्स के रडार पर चढ़े हैं. उनका नाम भी उन लोगों में शामिल है जिनके उपर जांच शुरू की गयी है. राजेश वर्मा के घर व अलग-अलग शहरों में स्थित व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में लगातार चार दिनों तक रेड चली. कुल 13 लोगों के उपर दबिश डाली गयी. अभी जांच जारी है.

Published By: Thakur Shaktilochan

Next Article

Exit mobile version