पटना. बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले में बिहार के तत्कालीन डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने बड़ा बया दिया है. सुशांत सिंह राजपूत की मौत को दो साल बीत चुके हैं, लेकिन मौत की गुत्थी अब तक नहीं सुलझ पायी है. पिछले दिनों ही पोस्टमार्टम रूम के एक सदस्य ने दावा किया था कि सुशांत के शव पर चोट के निशान थे. इस दावे के बाद एक फिर यह केस चर्चा में है. ऐसे में बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा है कि अगर मुंबई पुलिस उनकी मदद की होती तो उसी वक्त 15 दिनों के अंदर वो इस गुत्थी को सुलझा चुके होते.
बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले की जांच टीम के प्रभारी थे. समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए पूर्व डीजीपी ने कहा कि सुशांत मामले की जांच के दौरान मुंबई पुलिस ने बिहार से भेजे गये अधिकारियों की टीम को सहयोग नहीं किया. मालूम हो कि सुशांत सिंह मौत मामले में सीबीआई की जांच जारी है. इधर, महाराष्ट्र की शिंदे सरकार ने भी मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया है.
गुप्तेश्वर पांडेय ने मुंबई पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार से भेजे गये अधिकारियों की एक टीम के प्रति मुंबई पुलिस का व्यवहार अनैतिक था और तब मुझे लगा कि वे कुछ छिपा रहे हैं. पूर्व डीजीपी ने कहा कि क्राइम ब्रांच इन्वेस्टिगेशन को एसआईटी के साथ विवरण साझा करना चाहिए ताकि सुशांत को न्याय मिल सके. गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच के लिए उनकी टीम को पर्याप्त समय नहीं दिया गया, अगर टीम को 15 दिन का समय मिलता, तो मामला सुलझा लिया गया होता.
26 दिसंबर को मुंबई के कूपर अस्पताल में सुशांत सिंह राजपूत का पोस्टमार्टम करने वाले एक स्टाफ रूपकुमार शाह ने दावा करते हुए एएनआई को बताया कि एक्टर के शरीर पर फ्रैक्चर के निशान थे, जिससे मामला आत्महत्या का नहीं लग रहा था. रूपकुमार के पास 28 से अधिक वर्षों का अनुभव है. उन्होंने बताया कि मैंने अपनी बात सीनियर के सामने रखी तो उन्होंने कहा कि हम इस पर बाद में चर्चा करेंगे. रूपकुमार ने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में क्या लिखना है यह डॉक्टर का काम है.