Bihar Politics: Hajipur सीट पर बढ़ा बवाल, BJP के दरबार में पहुंचा झगड़ा, चिराग को है मोदी-शाह पर भरोसा
हाजीपुर लोकसभा सीट को लेकर चिराग पासवान और पशुपति कुमार पारस अब आमने सामने हो गए हैं. इस सीट पर दोनों ही खेमे के दावा के बाद बीजेपी की ओर सबकी निगहें लगी हुई है.
मुंबई में विपक्षी गठबंधन इंडिया की बैठक (I.N.D.I.A Meeting Mumbai) हो रही. इसको लेकर इंडिया गठबंधन के घटक दल मुंबई पहुंचने लगे हैं. शुक्रवार की बैठक में बहुत कुछ तय भी होने की उम्मीद है. इधर, बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन के दो दलों में घमासान मचा है. यह घमासान चाचा पशुपति कुमार पारस और भतीजे चिराग पासवान (chirag paswan vs pashupati paras) वाली पार्टी में मची है. हाजीपुर लोकसभा सीट (hajipur lok sabha seat) को लेकर चिराग पासवान और पशुपति कुमार पारस अब आमने सामने हो गए हैं. इस सीट पर दोनों ही खेमे के दावा के बाद बीजेपी की ओर सबकी निगहें लगी हुई है. इस बीच चिराग पासवान का पूरे मामले पर बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि हाजीपुर सीट का मुद्दा बीजेपी सुलझाएगी.
चिराग-पारस में कब होगी सुलह
पशुपति पारस, आरएलजेपी के प्रमुख हैं. हाजीपुर से वे अभी सांसद हैं. उधर उनके भतीजे चिराग पासवान लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) का नेतृत्व करते हैं. चिराग पासवान अपनी मां के लिए इस सीट की मांग कर रहे हैं. इसके पीछे उनका तर्क है कि इस सीट का 8 बार उनके पिता ने प्रतिनिधित्व किया है.इसलिए यह सीट मेरा है. चिराग पासवान का कहना है कि एनडीए में शामिल होने से पहले ही बीजेपी नेतृत्व के साथ इस मामले पर चर्चा कर चुके हैं. इसलिए इसपर मुझे कुछ नहीं कहना है. पशुपति के दावे पर चिराग का कहना है कि हाजीपुर सीट का मुद्दा बीजेपी सुलझाएगी. हमें इसपर कुछ भी नहीं कहना है.
हाजीपुर पर बढ़ा रार
एलजेपी ने 2019 के चुनाव में बिहार में छह संसदीय सीटें जीती थीं. हालांकि,पारस गुट के चिराग खेमे से अलग होने और केंद्रीय मंत्री बनने के बाद उनकी पार्टी टूट गई थी. चार सांसद पारस के साथ चले गए थे.लोक जनशक्ति पार्टी की टूट के बाद चिराग पासवान अकेले रह गए थे. इसके बाद से वे एलजेपी (रामविलास) पार्टी के पुनर्निर्माण में लगे हुए हैं. एनडीए में नहीं रहने के बाद भी चिराग पासवान उसकी मदद करते रहे. एनडीए गठबंधन में नहीं रहने के बाद भी उन्होंने बिहार में तीन उपचुनाव के दौरान बीजेपी कैंडिडेट्स का समर्थन किया था.
एनडीए में चिराग की एंट्री
वैसे तो चिराग शुरू से ही बिहार एनडीए में साइडलाइन ही रहे. हालांकि, 18 अगस्त को दिल्ली में हुए एनडीए के 38 घटक दलों की बैठक में चिराग ने भी हिस्सा लिया था. पीएम नरेंद्र मोदी ने इसे संबोधित किया था. इस बैठक में चिराग के शामिल होने के बाद ही साफ हो गया था कि वो एनडीए में शामिल हो गए हैं. चिराग के एनडीए में शामिल होने के बाद ही हाजीपुर सीट को लेकर चर्चा तेज हो गई.चिराग और पारस के बीच आपसी मतभेदों पर जुबानी जंग भी होती रही. इसमें मुख्य मुद्दा हाजीपुर सीट ही है, जिस पर दोनों खेमे अपनी मजबूत दावेदारी कर रहे हैं.