हाजीपुर.
जिले के सदर अस्पताल, सीएचसी एवं पीएचसी में तैनात 102 एंबुलेंस कर्मियों के हड़ताल पर चले इमरजेंसी सेवा प्रभावित हो रही है. सरकारी एंबुलेंस सेवा बंद होने के कारण इमरजेंसी मरीज के परिजन अधिक किराया देकर मरीज को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल ले जाने के लिए विवश है. मालूम हो कि छह सूत्री मांगों को लेकर जिले के सभी सरकारी अस्पतालों के एंबुलेंस कर्मी शुक्रवार की रात 12 बजे से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गये है. सदर अस्पताल के एंबुलेंस कर्मियों ने बताया कि एंबुलेंस सेवा का संचालन करने वाली कंपनी के अधिकारी की मनमानी से परेशान तथा अपनी छह सूत्री मांगों के समर्थन में जिले के सभी 102 एंबुलेंस कर्मी हड़ताल पर चले गये हैं. जबतक एंबुलेंस कर्मियों की मांग पूरी नहीं होगी, तब तक सभी हड़ताल पर रहेंगे. कर्मियों ने बताया कि हमलोगों की मांग है कि एंबुलेंस कर्मियों के वेतन का भुगतान श्रम अधिनियम के तहत अतिकुशल श्रमिक के बराबर करने, सभी कर्मियों को 60 वर्ष तक की उम्र सीमा तक समायोजित करने, सभी कर्मियों, चालक व टेक्नीशियन को नियुक्ति पत्र और पहचान पत्र अविलंब दिये जाने, कर्मियों के वेतन भुगतान का समय सीमा निर्धारित करने व वेतन पर्ची दिये जाने, सभी एंबुलेंस का एमवीआई के द्वारा एवरेज मानक सुनिश्चित करने आदि शामिल हैं. इस संबंध में संघ की ओर से जिला प्रशासन, जिला स्वास्थ्य समिति एवं अन्य अधिकारियों को पत्र के माध्यम से अवगत करा दिया गया है. बताया गया कि राज्य में 102 एंबुलेंस का संचालन निजी संस्था जेन प्लस के माध्यम से किया जा रहा है.सरकारी एंबुलेंस सेवा बंद होने से इधर-उधर भटक रहे मरीज :
रविवार को सदर अस्पताल से मरीजों को ले जाने तथा सीएचसी एवं पीएचसी से मरीजों को रेफर किए जाने के बाद के लिए परिजन एंबुलेंस के लिए इधर-उधर भटकते रहे. सरकारी एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण लोग निजी अस्पताल से एंबुलेंस मंगा कर मरीजों को पीएमसीएच या अन्य अस्पतालों में मरीज को ले गये. इसके बदले मरीज के परिजनों को मनमाने कीमत चुकानी पड़ रही है. डिलीवरी के लिए पातेपुर पीएचसी से रेफर के बाद सदर अस्पताल पहुंचे मरीज के परिजन ने बताया कि सरकारी एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिलने के कारण इमरजेंसी स्थिति के कारण दो हजार रुपये भुगतान कर निजी एंबुलेंस का सहारा लेना पड़ा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है