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hajipur news. जॉब देने के नाम पर ठगी करने वाले पांच साइबर अपराधी गिरफ्तार

साइबर थाना व औद्योगिक थाना की पुलिस ने छापेमारी कर दबोचा, गिरफ्तार ठगों में पश्चिम बंगाल की एक महिला ठग भी शामिल

हाजीपुर. साइबर थाना की पुलिस ने नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले पांच बदमाशों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. बदमाशों में एक महिला भी शामिल है. बदमाशों के पास से पुलिस ने नौ मोबाइल, 13 सिमकार्ड, दो पासबुक, दो पैन कार्ड, आठ एटीएम कार्ड, दो आधार कार्ड व एक एटीएम कार्ड बरामद किया है. तकनीकी अनुसंधान एवं मोबाइल नंबर के लोकेशन के आधार पर साइबर थाना एवं औद्योगिक थाना की पुलिस की विशेष टीम के अधिकारियों ने छापेमारी कर औद्योगिक थाना क्षेत्र से सभी बदमाशों को गिरफ्तार किया है. यह जानकारी डीएसपी सह साइबर थानाध्यक्ष चांदनी सुमन ने रविवार को मीडिया को दी.

डीएसपी सह साइबर थानाध्यक्ष ने बताया कि साइबर थाना की पुलिस को साइबर क्राइम को कंट्रोल करने के लिए बनाये गये प्रतिबिंब पोर्टल के अवलोकन से जानकारी मिली थी कि मोबाइल नंबर 9546123544 तथा 91199427967 के माध्यम से पटना एवं बेतिया में जॉब देने के नाम पर लोगों से ठगी करने की शिकायत दर्ज है. मोबाइल नंबर की तकनीकी जांच करने पर पता चला कि दोनों नंबर जिले के औद्योगिक थाना क्षेत्र में सक्रिय हैं. जानकारी मिलने पर पुलिस अधीक्षक हरकिशोर राय के निर्देश पर डीएसपी सह साइबर थानाध्यक्ष के नेतृत्व में साइबर तथा औद्योगिक थाना की पुलिस की एक विशेष टीम बनायी गयी थी. बताया गया कि टीम के पदाधिकारियों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तकनीकी साक्ष्य के आधार पर मोबाइल लोकेशन के अनुसार मौके पर पहुंच कर घेराबंदी कर दी. इस दौरान पुलिस को देखते ही चार युवक छुपने का प्रयास करने लगे, जिसे पुलिस बल के सहयोग से पकड़ लिया गया.

ओएलएक्स पर देते थे फर्जी नौकरी का विज्ञापन

डीएसपी ने बताया कि गिरफ्तार बदमाशों से सख्ती से पूछताछ करने पर सभी ने स्वीकार किया कि वे साइबर ठगी का गैंग चलाते हैं. जॉब देने के नाम पर व्हाट्स एप के माध्यम से लोगों से शैक्षणिक प्रमाण पत्र एवं अन्य दस्तावेज मंगाए जाते थे. उसके बाद उनसे प्रोसेसिंग फी, कुरियर चार्ज आदि के नाम पर कुछ राशि वसूल करते थे. बताया गया कि गैंग के द्वारा ओएलएक्स पर भी फर्जी नौकरी देने का विज्ञापन डाला जाता था. इंक्वाॅयरी के लिए फर्जी नंबर भी दिया जाता था. नंबर पर कॉल आने के बाद गिरोह के सदस्य कॉल करने वाले को ठगी का शिकार बनाते थे.

मोबाइल से काफी संख्या में मिले डॉक्यूमेंट

बताया गया कि बदमाशों के पास से बरामद मोबाइल की जांच करने पर उनके व्हाट्स एप चैट पर नौकरी के नाम पर अलग-अलग दस्तावेज मिले जो, कॉल करने वालों से की मांगे गये थे. कई लोगों के द्वारा शैक्षणिक प्रमाण पत्र भी भेजा गया पाया गया. बदमाशों ने पैसे लेने के लिए क्यूआर कोड तथा स्कैनर भी भेज रखे थे. कई लोगाें के पेमेंट के स्क्रीनशॉट भी पाये गये. गिरफ्तार सभी बदमाश एक गिरोह बनाकर लोगों को नौकरी देने के नाम पर ठगी का शिकार बनाते थे. इस मामले में सभी के विरुद्ध साइबर थाना में आइटी एक्ट तथा विभिन्न सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है.

इनकी हुई गिरफ्तारी

रवि राज उर्फ जैकी, पिता- कामेश्वर प्रसाद सिंह, ग्राम- बकसामा, थाना- कटहरारोहित राज, पिता- अरुण कुमार सिंह, ग्राम- इस्माइलपुर, थाना- गोरौल

आदर्श कुमार, पिता- संजय कुमार, ग्राम- छितरौल, थाना- गोरौल

बिपिन कुमार सुमन, पिता- उपेंद्र राय, ग्राम- चपैठ, थाना -गौरौलरूपा सरकार, पिता- नरेश सरकार, ग्राम- गांधी पार्क राणा घाट, जिला- नदिया, पश्चिम बंगाल

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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