hajipur news. पांच सौ पशुओं को बीमा योजना से मिलेगी सुरक्षा

पशु चिकित्सा पदाधिकारी से पशु के स्वस्थ होने का प्रमाणपत्र लेने पर ही हो सकेगा बीमा, एक पशु के लिए पशुपालक को बीमा कंपनी को भुगतान करने होंगे 525 रुपये

By Prabhat Khabar News Desk | September 16, 2024 6:17 PM
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हाजीपुर. जिले के पशुपालकों की स्थिति में सुधार लाने एवं आर्थिक मजबूती प्रदान करने के लिए सरकार पशुधन बीमा सुरक्षा योजना का जल्द ही शुभारंभ करेगी. योजना के तहत बीमारी व अन्य कारणों से मवेशियों की मौत होने पर पशुपालकों को आर्थिक नुकसान से बचाया जा सकेगा. योजना के तहत प्रत्येक दुधारू पशु के लिए सरकार ने अधिकतम 60 हजार रुपये की राशि निर्धारित की है. जिला पशुपालन पदाधिकारी के अनुसार दुधारू पशुओं की बीमा के लिए निर्धारित राशि पर 3.5 प्रतिशत की दर से पशु बीमा की कुल राशि 2100 रुपये होगी. इसका 75 प्रतिशत राशि 1575 रुपये अनुदान के रूप में दी जायेगी. पशु बीमा के लिए किसानों को प्रीमियम की 25 प्रतिशत राशि 525 रुपये बीमा कंपनी को भुगतान करना होगा. कंपनी की ओर से दुधारू पशुओं का बीमा एक साल के लिए किया जाएगा. एक पशुपालक एक बार में चार पशुओं का बीमा करा सकते हैं. इसके लिए पशुओं को डाटा इयर टैग लगाए जायेंगे. गुम हुए पशुओं की मौत पर योजना का लाभ नहीं दिया जायेगा. दुग्ध उत्पादक सहयोग समिति सदस्यों को दी जाएगी वरीयता जिला पशुपालन पदाधिकारी राकेश कुमार सिन्हा ने बताया कि पशुधन बीमा योजना से पशुपालकों को जहां आर्थिक मजबूती मिलेगी, वहीं जिले में श्वेत क्रांति को बढ़ावा मिलेगा. इससे ग्रामीण अर्थ व्यवस्था में भी सुधार होगी. इस योजना के क्रियान्वयन में दुग्ध उत्पादक सहयोग समिति के सदस्यों को दुधारू पशुओं के बीमा में वरीयता दी जाएगी. बताया गया कि इस योजना में वैसे पशुओं का ही बीमा किया जायेगा जो पूर्ण रूप से स्वस्थ हो तथा पशु चिकित्सा पदाधिकारी से पशु के स्वस्थ होने का प्रमाण पत्र निर्गत किया गया हो. जिला पशुपालन पदाधिकारी ने बताया कि पशुधन बीमा योजना के लिए सरकार की ओर से घोषणा की जा चुकी है. लेकिन विभागीय स्तर पर विस्तृत गाइड लाइन जारी नहीं किया गया है. जल्द ही गाइडलाइन प्राप्त हाेते ही योजना का शुभारंभ किया जाएगा. हालांकि वैशाली जिला में बीमा के लिए पशुओं की संख्या का लक्ष्य काफी कम निर्धारित की गयी है. बताया गया कि जिले में मात्र पांच सौ पशुओं का ही बीमा किया जाना है. इससे पशुपालकों का चयन करना कर्मियों के लिए काफी मुश्किल होगा. फिलहाल योजना के क्रियान्वयन को लेकर तैयारी की जा रही है.

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