लगातार हो रही मूसलधार बारिश व गंगा-गंडक नदियाें के बढ़ते जल स्तर को लेकर जिला प्रशासन संभावित बाढ़ से निबटने को लेकर अलर्ट मोड में काम कर रहा है. संभावित बाढ़ से निबटने व इसकी रोकथाम के लिए सभी तरह की आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं. बुधवार को डीएम यशपाल मीणा ने गंडक नदी के तिरहुत बांध का लालगंज बसंत जहानाबाद के समीप निरीक्षण किया. तटबंध का निरीक्षण करने के बाद डीएम ने मौके पर मौजूद सीओ और बीडीओ को तटबंध की रोज निगरानी करने का निर्देश दिया. साथ ही नदी का जल स्तर बढ़ने पर तटबंध को सुरक्षित करने के लिए सारे उपाय करने तथा सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर आपदा मित्रों की प्रतिनियुक्ति करने का निर्देश दिया. डीएम ने निरीक्षण के यहां एसडीआरएफ टीम को भी प्रतिनियुक्त करने और सभी नाव का निबंधन सुनिश्चित करने को कहा. साथ ही कटाव निरोधक सामग्री एवं अन्य सामग्री का सत्यापन कर लेने का निर्देश दिया. निरीक्षण के दौरान एडीएम (आपदा) अरुण कुमार सिंह, लालगंज के बीडीओ, सीओ तथा बाढ़ नियंत्रण के सहायक अभियंता मौजूद थे.
बाढ़ से निबटने के लिए बनाये गये हैं 195 राहत दल : जिले में संभावित बाढ़ से निबटने के लिए कई बिंदुओं पर तैयारी की जा रही है. आपदा प्रबंधन प्रशाखा के गोदाम में उपलब्ध 10 हजार पॉलीथिन शीट को प्रखंडों को उपलब्ध कराया जा रहा है. तिरहुत प्रमंडल मुख्यालय से 15 हजार अतिरिक्त पॉलीथिन शीट भी मंगायी जा रही है. वहीं जिले में 30 सरकारी नाव के अलावा विभिन्न अंचलों में उपलब्ध 271 निजी नाव के नाविकों के साथ एकरारनामा कर लिया गया है. खोज, बचाव एवं राहत कार्य के लिए 195 दल बनाये गये हैं. 80 लाइफ जैकेट भी जिले में उपलब्ध हैं. बाढ़ के दौरान प्रभावित इलाके के लोगों के लिए डेढ़ सौ आश्रम स्थल और डेढ़ सौ सामुदायिक किचेन के लिए स्थल का चयन किया गया है. बाढ़ के दौरान पशुओं के लिए 42 स्थान चिह्नित किये गये हैं, जहां राहत शिविर लगाये जा सकेंगे. संभावित बाढ़ को देखते हुए स्वास्थ्य, पीएचईडी व बिजली विभाग को भी आवश्यक तैयारी करने का निर्देश दिया गया है.
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