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hajipur news. कई दिनों बाद 400 के नीचे आया एक्यूआइ, 391 किया गया रिकॉर्ड

शहर में खराब होती हवा की सेहत से लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया है. शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) लगातार खराब हो रहा है. वायु प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए जिला प्रशासन की पहल पर कई स्तरों पर कार्रवाई शुरू की गयी है. इसके बावजूद शहर के एक्यूआइ लेवल में कोई खास सुधार नहीं हो रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 22, 2024 10:11 PM

हाजीपुर.

पर्यावरण संरक्षण तथा वायु प्रदूषण के बढ़ते खतरे की लगातार अनदेखी ने आज हाजीपुर जैसे शहर की हवा की सेहत को खतरनाक स्थिति में ला दिया है. पिछले कई दिनों से हाजीपुर शहर का एक्यूआइ लेवल 400 के ऊपर था. शुक्रवार को एक्यूआइ लेवल में मामूली सुधार देखने को मिला, लेकिन शहर का एक्यूआइ अभी खतरनाक स्तर पर है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की रिपोर्ट के अनुसार शहर की हवा में अति सूक्ष्म कणों पीएम 2.5, धूल कण पीएम 10 और कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा मानक से काफी अधिक, यानी खतरनाक स्तर पर रही. शहर की हवा में घुली अति सूक्ष्म कण, धूल कण और कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा ने बुजुर्गों, बच्चों और अस्थमा रोगियों के साथ आमलोगों के स्वास्थ्य के लिए भी संकट खड़ा कर दिया है. शहर की लगातार खराब होती हवा और धूल के गुबार ने लोगों का सांस लेना मुश्किल कर दिया है.

गिट्टी-बालू व मिट्टी को बिना ढंके इधर से उधर ले जाने से बढ़ी समस्या

हाल के वर्षों में पर्यावरण संरक्षण की अनदेखी व वायु प्रदूषण के बढ़ते खतरे को गंभीरता से नहीं लेने की वजह से हाजीपुर जैसा छोटा सा शहर अब दिल्ली जैसी शहर की तरह गैस चैंबर बनने की राह पर पहुंच गया है. पेड़-पौधों की घटती संख्या, सरकारी व निजी निर्माण कार्यों में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों की अनदेखी, गिट्टी-बालू, मिट्टी जैसे निर्माण सामग्री की बिना ढके ढुलाई, कूड़ा-कचरा, बायोमेडिकल कचरे का सही तरीके से निष्पादन नहीं होना, खुले में कूड़ा-कचरा जलाने की वजह से हाजीपुर शहर गैस चैंबर बनने की कगार पर पहुंच गया है.

वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंच जाने के बाद जिला प्रशासन, नगर परिषद व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एक्टिव मोड में आ गया है. प्रदूषण के बढ़ते कारणों की पहचान करने के साथ-साथ इस पर प्रभावी तरीके से काबू पाने की कवायद शुरू कर दी गयी है. धूल के गुबार न उड़े इसके लिए सड़क निर्माण वाले स्थल, रेत व मिट्टी के ढेर तथा सड़क पर लगातार पानी का छिड़काव कराया जा रहा है. पिछले कई दिनों से जल रहे कूड़े-कचरे को फायर ब्रिगेड की मदद से बुझाया जा रहा है. कूड़ा-कचरा खुले में फेंकने व उसे जलाने वाले पर कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. लेकिन, प्रशासन की इन तमाम कवायदों के बावजूद अभी शहर का एक्यूआइ लेवल खतरनाक स्तर पर बना हुआ है.

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