हाजीपुर. समाहरणालय सभाकक्ष में शुक्रवार को डीएम-एसपी ने संयुक्त रूप से हाजीपुर अनुमंडल की अंचलवार संवेदनशील, अतिसंवेदनशील एवं सामान्य भूमि विवाद से संबंधित मामलों की समीक्षा की. डीएम यशपाल मीणा ने बताया कि अभी पूरे जिले में उनके और एसपी के लॉगिन से 102 केसेज विजिबल हैं. प्रत्येक केस का रिव्यू कर तुरंत इनका निष्पादन होना चाहिए, जिसका अपडेट भू समाधान पोर्टल पर किया जाना चाहिए. उन्होंने एसडीएम को सीओ के साथ मिलकर स्पॉट वेरिफिकेशन करने को कहा. डीएम ने कहा कि सर्वाधिक संवेदनशील मामलों का सबसे पहले निष्पादन किया जाना चाहिए. भूमि विवाद के मामलों में सीओ को लीड करना चाहिए. इस तरह के 102 केसेज का निष्पादन शनिवार से पहले करने का उन्होंने आदेश दिया. डीएम ने सीओ को भूमि विवाद संबंधित मामलों के लिए अलग से रजिस्टर बनाकर इंडेक्सिंग करने को कहा, जिसपर पोर्टल पर मौजूद सारे कॉलम्स होने चाहिए. उन्होंने कहा कि जो भी पक्ष सुनवाई पर अनुपस्थित रहता है, उसपर धारा 144 और 107 के तहत कार्यवाही होनी चाहिए. सभी सीओ को कोर्ट केस से संबंधित अलग फाइल बनाने को कहा और जब भी धारा 144 लगायी जाये उसके साथ धारा 107 भी लगायी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि सभी थाना और सीओ अपने स्तर पर सुलझाए गए सबसे उत्तम मामलों का प्रतिवेदन जिला में भेजें. अनुमंडल स्तर से जिला के सबसे अच्छे सुलझाये गये मामले राज्य स्तर पर भेजे जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि लोगों का विश्वास जीत कर ही प्रशासन को आगे बढ़ना चाहिए. संवेदनशील मामलों में एसडीएम और डीएसपी को साथ में क्षेत्र भ्रमण कर लोगों से बातचीत कर आगे बढ़ने की सलाह दी. अधिकारियों से उन्होंने कहा कि वे क्षेत्र भ्रमण का कार्य प्रतिदिन करें. एसपी हरकिशोर राय ने बैठक में मौजूद पुलिस अधिकारियों से पूछा कि थाना लेवल पर जो विवाद सुलझाये जाते हैं या उनकी सुनवाई की जाती है, तो दोनों पक्षों को क्या इसकी पावती दी जाती है. इस पर बताया गया कि थाना लेवल पर ही बस इसका रिकॉर्ड रखा जाता है. एसपी ने इसपर खेद जताते हुए कहा कि पोर्टल पर उल्लेखित सभी प्रावधानों का पालन होना चाहिए तथा दोनों पक्षों को इसकी पावती दी जानी चाहिए. बैठक में एडीएम, एसडीएम के साथ अन्य सभी पदाधिकारी मौजूद थे.
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