गंगा पुल परियोजना में पुराने आवासों को तोड़कर बनेंगे सरकारी भवन : विजय सिन्हा

उपमुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने गंगा पुल परियोजना के बारे में कहा है कि पुराने और जर्जर आवासों को तोड़कर सरकारी भवन का निर्माण किया जा सकता है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 14, 2025 10:53 PM

पटना़

उपमुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने गंगा पुल परियोजना के बारे में कहा है कि पुराने और जर्जर आवासों को तोड़कर सरकारी भवन का निर्माण किया जा सकता है. कुल 109 आवास हैं ,जिनमें मात्र 17 आवास आवंटित हैं. शेष 92 आवास गैर आवंटित हैं. सभी आवासों की स्थिति जर्जर है. ये रहने लायक नहीं हैं. इनको तोड़कर कुल 4.922 एकड़ जमीन का उपयोग सरकारी भवन निर्माण के लिए किया जा सकता है. इस संबंध में सभी तकनीकी और वैधानिक पहलुओं की समीक्षा का निर्देश वरीय पदाधिकारियों को दिया गया है. उन्होंने कहा कि नियमसंगत रूप से जिन्हें आवास आवंटित है, उन्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है, सरकार उनका पूरा ध्यान रखेगी. उपमुख्यमंत्री ने बताया कि कुल प्लॉटों की संख्या 514 है, जिनमें गैर निबंधित प्लॉट 128 और खाली प्लॉट 34 हैं. गैर निबंधित और खाली प्लॉट की कुल भूमि 7.7 एकड़ है, जिस पर नवनिर्माण पर विचार किया जायेगा. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि 50,000 वर्गफुट का भूखंड भी खाली है, जिस पर आधारभूत संरचना का निर्माण किया जा सकता है. अभियंता प्रमुख को स्थलीय निरीक्षण कर तीन दिनों में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है. साथ ही बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के अध्यक्ष की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गयी है. इसमें अभियंता प्रमुख, मुख्य अभियंता दक्षिण और मुख्य अभियंता अनुश्रवण सदस्य होंगे. समिति को 15 दिनों में एक विस्तृत प्रतिवेदन देना है, जिसके अधार पर नवनिर्माण की रूपरेखा तैयार की जायेगी.

जेपी सेतु और गंगा नदी के निकट है जमीन :

उपमुख्यमंत्री ने बताया कि यह जमीन जेपी सेतु और गंगा नदी के निकट है. जेपी सेतु पटना में मेरीन ड्राइव की तरह विकसित हो रहा है. उन्होंने कहा कि गंगा पुल परियोजना के तहत विस्थापितों को फिर से आवास देने के लिए विभाग द्वारा एक नीति बनायी गयी थी. इसके तहत विस्थापित व्यक्तियों को जमीन आवंटित करने का प्रावधान किया गया था. यह नियमावली वैसे विस्थापितों के लिए थी जिनका पटना या हाजीपुर में कोई आवास नहीं हो. उपमुख्यमंत्री ने बताया कि गंगा पुल परियोजना के तहत विस्थापितों को फिर से आवास देने से संबंधित कई शिकायतें आयी थीं, जिसे गंभीरता से लेते हुए विभागीय पदाधिकारियों को जांच का निर्देश दिया गया था.

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