हाजीपुर. भारतमाला परियोजना के तहत अदलवारी-माणिकपुर एनएच-139 (डब्लू) के भू-अर्जन को लेकर लालगंज और वैशाली अंचल में दो दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया है. डीएम यशपाल मीणा ने एनएच-139 (डब्लू) परियोजना अंतर्गत अदलवारी के 18.077 किलोमीटर से माणिकपुर 35.00 किलोमीटर तक एनएच निर्माण को लेकर जमीन के भू-अर्जन कार्य में और तेजी लाने एवं रैयतों का मुआवजा भुगतान करने के लिए कैंप लगाने का निर्देश एनएचएआई व पीआईयू पटना को दिया है. डीएम द्वारा एनएचआई को दिये गये निर्देश पर लालगंज अंचल अंतर्गत 4 और 5 सितंतर को युसुफपुर एवं सररिया, खनजाहांचक एवं ताजपुर मौजा के लिए खनजहांचक सामुदायिक भवन में कैंप का आयोजन होगा. वहीं, युसुफपुर पंचायत भवन में एतवारपुर जागीर 111, जलालपुर गोपी मिल्की 109 और जलालपुर गोपी माल 110 व पीरापुर उर्फ शाहाबाद में लगेंगा, जबकि पंचायत भवन जलालपुर में जलालपुर उर्फ विशुनुपुर गमहीर, एतवारपुर निजामत व जलालपुर अनिरुद्ध में आयोजन होगा. इसी तरह वैशाली अंचल अंतर्गत भगवानपुररत्ती पंचायत भवन पर बेल्का, रूकुनपुर गाेविंदपुर एवं भगवानपुर मौजा के लिए 6 व 7 सितंबर को शिविर लगेगा. जफराहां, परशुरामपुर, मानपुरा, केशोपुर व मुनिमचक मौजा के लिए मध्य विद्यालय मानपुरा में शिविर लगेगा. वहीं, बसाढ़ उर्फ वैशाली, हरपुर बसंत, बसरा उर्फ चकरमदत्त, खिजीरपुर मौजा के लिए एमटीएस हाई स्कूल वैशाली को चिन्हित करते हुए 6 व 7 सितंबर को शिविर लगाने का निर्देश दिया गया है. डीएम ने एनएचएआई, पीआईयू पटना के कर्मियों को कैंप का सोमवार से ही प्रचार-प्रसार कराने, चयनित स्थलों पर आवश्यक व्यवस्था उपलब्ध कराने तथा रैयतों को सहयोग करने का निर्देश दिया है. कैंप के लिए प्रतिनियुक्त सभी कर्मी एवं पदाधिकारी 4, 5 और 6 व 7 सितंबर को कैंप में जमीन से संबंधित दस्तावेज प्राप्त कर उसकी जांच करते हुए मुआवजा भुगतान की कार्रवाई करेंगे. रैयतों से संपर्क कर लिए जायेंगे आवेदन डीएम ने कहा कि वैसे किसान जिनकी भूमि एनएच 139डब्लू में गयी है और जिसका मुआवजा भुगतान अभी तक नहीं हुआ हुआ है, वे लोग जरूरी कागजात जैसे-भू-लगान रसीद, एलपीसी एवं अन्य राजस्व कागजात लेकर अपने नजदीकी कैंप में पहुंचे. जिला भू अर्जन पदाधिकारी एवं एनएचएआई को निर्देश दिया गया है कि जिन रैयतों का आवेदन प्राप्त नहीं है, उनसे संपर्क बनाकर आवेदन शीघ्र प्राप्त करें. इसके लिए एनएचएआई और पीआईयू पटना को निर्देश दिया गया है कि अपने विभाग से प्रतिनियुक्त कर्मियों के माध्यम से अभियान चलाएं. सभी कर्मी को वैसे रैयतों की सूची उपलब्ध करायें, जिन्होंने भुगतान नहीं लिया है. कर्मी को डोर-टू-डोर भ्रमण कर रैयतों से बात करने और कैंप में लाने में सहयोग करने का निर्देश दिया गया है, ताकि कैंप में उनका जरूरी कागजात बनाया जा सके और उनका मुआवजा भुगतान हो सके.
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