जमुई. अगर कोरोना संक्रमण और बाढ़ के बावजूद चुनाव हो सकता है, तो स्वास्थ्य सेवाओं को क्यों नहीं बेहतर किया जा सकता है. अगर मैं कहीं कुछ भी बोलता हूं, तो लोग कहते हैं कि सरकार का विरोध कर रहे हैं. मुझे न तो जदयू से दूर जाना है और न ही उनके करीब आने का कोई शौक है. मैं बिहार की जनता की समस्या को लेकर हर हमेशा मुखर रहता हूं. राज्य की समस्याओं को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही कुछ कर सकते हैं, क्योंकि वह इस समय सूबे के मुखिया हैं.
उक्त बातें सांसद चिराग पासवान ने जिला अतिथि गृह में पत्रकारों से बात करते हुए कही. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने का प्रयास करना चाहिए. चिराग ने कहा कि उन्होंने और प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार से कई बार अनुरोध किया है कि कोरोना संक्रमित लोगों के जांच का दायरा बढ़ाया जाए, लेकिन राज्य सरकार बार-बार कहती है कि प्रत्येक दिन 75000 टेस्ट कराया जा रहा है.
इसमें समझने वाली बात यह है कि 75000 में से 65000 टेस्ट रैपिड एंटीजन किट से कराया जा रहा है. रैपिड एंटीजन किट के बारे में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च का कहना है इसका प्रयोग केवल कंटेनमेंट जोन में रहने वाले लोगों के जांच के लिए ही किया जाय. सांसद श्री पासवान ने कहा कि ऐसा इसलिए कहा जाता है कि इस किट के परिणाम सटीक नहीं होते हैं और यह किट केवल गंभीर मरीजों को ही डिटेक्ट कर सकता है.
आईसीएमआर का स्पष्ट निर्देश है की आरटीपीसीआर के जांच की संख्या बढ़ाई जाए. उन्होंने कहा कि ऐसे भी मामले आए हैं, जिसमें इस किट के टेस्ट में नेगेटिव आने के बावजूद लोगों में कोरोना के लक्षण बढ़ रहे हैं. मैंने कोरोना संक्रमण और उसकी रोकथाम के लिए जिला प्रशासन के द्वारा उठाए जा रहे कदम को लेकर पदाधिकारियों के साथ बैठक भी की और उनसे यह भी जानकारी लेने का प्रयास किया कि अगर आपको कोई समस्या है तो तुरंत बताएं.
इस दौरान पदाधिकारियों के द्वारा मुझे क्वारंटाइन किए गए 138 लोगों की सूची सौंपा गया. इसके पश्चात मैंने उस सूची में दिए गए संक्रमित लोगों के नंबर पर भी संपर्क साधने का प्रयास किया, लेकिन सही तरीके से सभी लोगों से संपर्क नहीं हो पाया. कुछ लोगों ने संपर्क स्थापित होने के बाद बताया कि हमारे परिवार के लोग बीमार हैं.
posted by ashish jha