hajipur news. घने कोहरे व शीतलहर ने बढ़ायी किसानों की चिंता
पाला के कारण आलू उत्पादक किसानों की बढ़ी परेशानी, फसल बचाना चुनौती; पछुआ हवा ने बढ़ायी कनकनी, शाम ढलते ही घरों में दुबक रहे लोग
हाजीपुर . पिछले पांच-छह दिनों से जिले में ठंड का सितम लगातार जारी है. पछुआ हवा चलने के कारण हाड़ कंपाने वाली ठंड का प्रभाव आम जनजीवन पर पड़ने लगा है. वहीं दो दिनों से कुहासा के कारण आम लोगों के साथ वाहन चालकों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. शाम ढ़लते ही लोग अलाव का सहारा लेने के लिए विवश हो जाते है. जिले में बढ़ी ठंड के कारण जहां लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. वहीं कुहासा एवं शीतलहर का प्रकोप ने आलू उत्पादक किसानाें की चिंता बढ़ा दी है. हालांकि कुहासा एवं ठंड गेहूं उत्पादक किसानाें के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है.
ठंड बढ़ने के साथ ही रात में घना कोहरा के प्रकोप ने जहां सड़कों पर वाहनों की रफ्तार में ब्रेक लगा दी है, वहीं सुबह के समय अधिक कुहासा के कारण दिन निकलने तक लोग बिस्तर में ही दुबके रहते है. इससे आम दिनों की अपेक्षा लोगों के दिनचर्या में भी बदलाव आ गया है. किसान देवेंद्र सिंह, मिश्रीलाल सिंह, भुनेश्वर राय, नीरज कुमार सिंह आदि ने बताया कि पिछले दो दिनों से शीतलहर का प्रकोप बढ़ने के कारण आलू की फसल में झुलसा रोग का प्रकोप बढ़ गया है. इससे आलू के फसल को काफी नुकसान होने की संभावना बढ़ गयी है. किसानों ने बताया कि ठंड एवं कुहासा आलू की फसल के साथ-साथ गेंदा की फूलों की खेती एवं पपीता की खेती को भी प्रभावित कर रहा है. इससे किसानों को छिड़काव करने में अतिरिक्त खर्च करने पड़ रहे है.आलू की फसल में करें नियमित छिड़काव
जिला कृषि पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि ठंड एवं कुहासा बढ़ने के साथ ही पछुआ हवा चलने से शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया है. ऐसे मौसम में आलू उत्पादक किसानों को फसल बचाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बताया गया कि आलू की फसल को झुलसा रोग से सुरक्षा के लिए नियमित अंतराल पर डायथेन एम-45 दवा का छिड़काव करें. इसके साथ ही तेलहन फसल सरसों पर कुहासा के कारण लाही जैसे कीट का प्रकोप बढ़ जाता है. इससे बचाव के लिए किसानों फूल वाले सरसों के खेत में कीटनाशक दवा का छिड़काव आवश्यक हो गया है.शाम ढलते ही बाजारों में पसर जाता है सन्नटा
ठंड के बढ़ते तेवर के कारण शाम ढलते ही लोग अपने घरों की ओर रुख करना शुरु कर देते है. इससे सात बजते ही शहर, बाजार के साथ गांव की चौक चौराहों पर भी सन्नाटा पसर जाता है. शहर के दुकानदार भी ग्राहक नहीं रहने के कारण अपनी अपनी दुकान बंद कर घर जाने में ही भलाई समझते है. हालांकि ठंड बढ़ने के साथ ही बाजारों में गर्म कपड़े की बिक्री भी रफ्तार पकड़ ली है. बाजारों में ऊनी वस्त्र के साथ कंबल आदि की खूब बिक्री हो रही है. बाजार के कपड़ा व्यवसायियों ने बताया कि ठंढ बढ़ने से जैकेट, टोपी, कंबल, स्वेटर एवं अन्य गर्म कपड़ों की बिक्री बढ़ी है. बताया गया कि शुरुआती दिनों में गर्म कपड़ों का बाजार ठंडा पड़ गया था, लेकिन पिछले दो तीन दिनाें से मौसम बदलने से कपड़ों की बिक्री में तेजी आई है.दिन में धूप निकलने से मिलती है थोड़ी राहत
कड़ाके की ठंड पड़ने के कारण सबसे अधिक परेशानी काम करने वाले मजदूरों को हा रही है. भवन निर्माण कार्य में लगे मजदूर दिनेश राय, रमेश राय, महेश सिंह आदि ने बताया कि सुबह एवं शाम के समय काम करने के दौरान हाथ पैर बर्फ की तरह ठंडा हो जाता है. हालांकि दिन के समय धूप निकलने से लोगों को थोड़ी राहत जरुर मिलती है. जिस दिन धूप नहीं निकलती है, उस दिन लोगों को अलाव ताप कर काम करना पड़ता है. बताया गया कि ठंड के कारण लोग बीमार भी पड़ जाते है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है