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सीआरपीएफ हवलदार ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में लिखा डिप्टी कमांडेंट करते थे प्रताड़ित

सीआरपीएफ 133 बटालियन के हवलदार बसंत कुमार (41) ने कीटनाशक खाकर अपनी जान दे दी. इससे पहले उन्हें पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के क्रम में रविवार को उन्होंने दम तोड़ दिया. उन्होंने मरने से पहले दिये बयान में जगन्नाथपुर पुलिस को बताया कि उसके डिप्टी कमांडेंट (एडीएम) मृत्युंजय कुमार उन्हें एक माह से प्रताड़ित कर रहे थे,

By Prabhat Khabar News Desk | May 19, 2024 10:53 PM

वैशाली. सीआरपीएफ 133 बटालियन के हवलदार बसंत कुमार (41) ने कीटनाशक खाकर अपनी जान दे दी. इससे पहले उन्हें पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के क्रम में रविवार को उन्होंने दम तोड़ दिया. उन्होंने मरने से पहले दिये बयान में जगन्नाथपुर पुलिस को बताया कि उसके डिप्टी कमांडेंट (एडीएम) मृत्युंजय कुमार उन्हें एक माह से प्रताड़ित कर रहे थे, जिससे तंग आकर उन्होंने जान देने की कोशिश की. अगन उनकी मौत होती है, तो इसके जिम्मेवार डिप्टी कमांडेंट होंगे. उन्हाेंने पुलिस को बताया कि एक सुसाइड नोट भी उन्होंने व्हाट्सअप में लिख कर रखा है और अपने पुत्र को भेज दिया है. इधर, बसंत कुमार की मौत के बाद उनके पुत्र ऋतु राज का बयान लेकर जगन्नाथपुर पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेज दिया. पोस्टमार्टम के बाद शव को उनके पुत्र को सौंप दिया गया. बसंत कुमार वर्तमान में सेक्टर टू के क्वार्टर नंबर-बी-116 में रहते थे. वे मूल रूप से बिहार के वैशाली जिला के धरधरा गांव के रहनेवाले थे. इस मामले में जगन्नाथपुर थाना प्रभारी ने बताया कि सीआरपीएफ हवलदार ने आत्महत्या की है. उनकी आत्महत्या के पीछे डिप्टी कमांडेंट द्वारा प्रताड़ित करने की बात सामने आयी है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. इधर, पोस्टमार्टम के बाद बसंत कुमार का शव सीआरपीएफ कैंप ले जाया गया, जहां उन्हें अंतिम सलामी दी गयी. इसके बाद उनका शव उनके पैतृक आवास वैशाली ले जाया गया. बसंत कुमार को एक पुत्र और एक पुत्री है. क्या लिखा है सुसाइड नोट में हवलदार बसंत कुमार ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि वह 133 बटालियन सेक्टर टू धुर्वा, रांची में मेस कमांडर के रूप में कार्यरत थे. उस मेस के डिप्टी कमांडर (एडीएम) मृत्युंजय कुमार सचिव हैं. वह पिछले एक माह से मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं. उनका मेस का बिल लगभग 9000 रुपये, लिकर का बिल 6926 रुपये और नकद 6050 रुपये समेत कुल 21976 रुपये बकाया है. वह हमेशा कहते हैं कि उक्त राशि को एडजस्ट करो. मैं इतना छोटा कर्मचारी इतने रुपया कहां से अडजस्ट करता. इस बात से मैं तनाव में था. इस वजह से सुसाइड करने के अलावा मेरे पास कोई उपाय नहीं है. सीआरपीएफ में मैं बहुत छोटा कर्मचारी हूं. हमारी बातों का दबाया जाता है. इसी कारण बराबर सीआरपीएफ में सुसाइड करने के लिए जवान मजबूर हो जाता है. एसपी के नाम लिखा है सुसाइड नोट उन्होंने सुसाइड नोट एसपी के नाम से लिखा है. इसमें लिखा है कि मेरे मरने के बाद इस अधिकारी पर कड़ी कार्रवाई कीजिये. मुझे डिप्टी कमांडेंट द्वारा बार-बार सजा के तहत जांच कराने और कड़ी कार्रवाई की धमकी दी जाती है. मैं बहुत मजबूर होकर यह कदम उठा रहा हूं. सुसाइड नोट में लिखा है कि किसे अपनी जिंदगी से प्यार नहीं होता, लेकिन मजबूरी में ही इंसान गलत कदम उठाता है.

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