सहदेई बुजुर्ग. एक ओर सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए करोड़ाें रुपये खर्च कर रही है, वहीं समय-समय पर जिले में स्वास्थ्य की बदहाल व्यवस्था की सामने आ रही तस्वीर पदाधिकारियों की कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ी करती दिख रही है. ताजा मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सहदेई बुजुर्ग का है. यहां आयी महिला का प्रसव बिजली के अभाव में रात के अंधेरे में मोबाइल की रोशनी के सहारे कराया गया. इसकी तस्वीर सामने आने के बाद जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था एक बार भी सवालों के कटघरे में खड़ी दिख रही है. वहीं लोगों ने अस्पताल प्रशासन के जिम्मेवार लोगों सहित आउटसोर्सिंग में लगी एजेंसी के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है. जानकारी के अनुसार बुधवार की रात सहदेई बुजुर्ग एवं नयागांव पश्चिमी पंचायत से दो महिलाएं प्रसव के लिए सीएचसी आयी थीं. देर रात उनका प्रसव कराया गया, लेकिन जिस समय महिलाओं का प्रसव कराया जा रहा था उस वक्त अचानक बिजली चली गयी. इस दौरान रोशनी की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने पर अस्पताल के कर्मियों और महिला के साथ आये परिजनों ने मोबाइल की रोशनी में प्रसव कराया. रात के अंधेरे में मोबाइल की रोशनी में प्रसव कराने की इस घटना की सूचना जैसे ही बाहर आयी. लोगों में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर आक्रोश दिखने लगा. इसकी शिकायत महनार एसडीओ नीरज कुमार, बीडीओ प्रिया कुमारी के अलावा डीएम व स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से की गयी. इस संबंध में एसडीओ नीरज कुमार ने बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है. जांच के बाद जो भी दोषी पाये जायेंगे उनके विरुद्ध कार्रवाई होगी. वहीं गुरुवार को बीडओ प्रिया कुमारी भी इस मामले की जांच के लिए अस्पताल पहुंचीं. उन्होंने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुनील केसरी से पूरे मामले की जानकारी ली. बीडीओ ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है. इसकी रिपोर्ट वरीय पदाधिकारियों को दी जायेगी. उन्होंने कहा कि जनरेटर नहीं रहने के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बताया गया कि सात करोड़ 50 लाख रुपये की लागत से निर्मित इस 30 बेडों के अस्पताल का उद्घाटन छह सितंबर को किया गया था.
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